‘मानव दिवस सृजन’ में फिसड्डी रहे कई ब्लाक 

Update: 2017-05-09 15:56 GMT
समीक्षा बैठक करते सीडीओ संजीव कुमार सिंह।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

उन्नाव। ग्रामीण बेरोजगारों को 10 दिन रोजगार की गारण्टी देने वाली महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा अपने उद्देश्यों से भटक गई है। बीते माह जिले में मानव दिवस सृजन 12.1 फीसदी ही रहा। इस मामले में धीमी प्रगति वाले ब्लाकों के खण्ड विकास अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया था।

स्पष्टीकरण न देने वाले खण्ड विकास अधिकारियों पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि का आदेश जारी किया है। इस कार्रवाई की जद में 13 ब्लाकों के आठ बीडीओ आए हैं। मालूम हो कि ग्रामीण अंचलों के बेरोजगार लोगों को गाँव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के इरादे से मनरेगा योजना की शुरुआत की गई थी, जिसमें केन्द्र सरकार जॉब कार्ड धारकों को वर्ष में 100 दिन रोजगार उपलब्ध कराने की गारण्टी देती है, लेकिन जिले में इन दिनों यह योजना बुरे दौर से गुजर रही है।

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मनरेगा की समीक्षा में यह स्थिति देखने के बाद मुख्य विकास अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों से तीन मई तक स्पष्टीकरण मांगा था। बावजूद इसके खण्ड विकास अधिकारियों ने अपना जवाब देना जरूरी नहीं समझा। जिस पर सीडीओ ने मानव दिवस सृजन में सबसे खराब प्रगति वाले 13 ब्लाकों के आठ खण्ड विकास अधिकारियों पर प्रतिकूल प्रविष्टि के आदेश जारी किए हैं।

प्रधानों व सचिवों को सुधार के लिए सात दिन

मनरेगा योजना में जिले की खराब ग्राम पंचायतों के प्रधानों व सचिवों की विकासभवन सभागार में जमकर क्लास ली गई। इस दौरान उन्हें योजनाओं की प्रगति सुधारने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। चेतावनी दी गई कि यदि इस समयावधि में योजनाओं की प्रगति नहीं सुधरी तो सचिवों को निलंबित किया जाएगा।

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