खुशी के साथ से ख़ुशबू की ज़िंदगी महकी

Update: 2017-11-15 18:51 GMT
  कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय महामलपुर मिर्जापुर की छात्रा खुशी पटेल। 

मिर्जापुर। बारह साल की खुशी को जब पता चला कि एक दूसरे गाँव में बाल विवाह हो रहा है तो उसने इसे रोकने की ठान ली।

मिर्ज़ापुर जिले की मझवां तहसील के महामलपुर गाँव में रहने वाली और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कक्षा आठ खुशी (12 वर्ष) ने बताया, "इसी साल जून के महीने में एक दिन मेरे ही स्कूल के एक लड़के ने बताया कि गाँव चरगहा में एक बाल विवाह हो रहा है। तब हम सर्वे कर रहे थे," आगे बताया, "जिस खूशबू सरोज की शादी हो रही थी उसकी उम्र अभी 12-13 साल है। जब मुझे पता चला तो शादी एक-दो दिन बाद ही थी। मैं किसी भी तरह से वो शादी रोकना चाहती थी। अगले दिन जब मैं अपने स्कूल गयी तो मैंने अपने मीना मंच के साथियों से बात की और प्रण लिया कि ये शादी किसी भी तरह रुकनी चाहिए।

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खुशबू का गाँव खुशी के गाँव से लगभग 15 किमी दूर था, लेकिन खुशी ने खुशबू से मिलने की ठानी और अगले दिन उसके घर साथियों के साथ पहुंच गई।

खुशी बताती हैं, "मैंने पहले खुशबू के पिता भरत सरोज को बहुत समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। फिर हमने उन्हें पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी तब जाकर शादी रोकने के लिए माने।" खुशबू के पिता सब्जी बेचते हैं और रात को दारू पीते हैं। इस कारण घर की हालत ठीक नहीं है।

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खुशी ने जब खुशबू के पिता से बात की तो वो बोले, "मेरे पास बेटी को पढ़ाने के लिए पैसे नहीं हैं। किसी तरह बेटे को पढ़ा पा रहा हूं। ऐसे में जब बेटी की शादी हो जाएगी तो कुछ बोझ कम हो जाएगा।"

इसके बाद खुशी ने आगे बताया, "आप बेटी को पढ़ाइये, वो खुद ही अपने पैरों पर खड़ी हो जाएगी। जब हमने खुशबू से बात की तो उसने कहा कि वो भी पढ़ना चाहती है, स्कूल जाना चाहती है।"

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