वोट बैंक की खातिर आजादी के बाद से किसी पीएम ने नहीं किया इजराइल दौरा

Update: 2017-07-04 23:08 GMT
इजरायल के पीएम से मिलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

लखनऊ। देश आजाद हुए करीब 70 साल बीतने को हो और इजराइल जैसे विकसित देश को भी अस्तित्व में आए इतने ही वर्ष हुए हैं। इन सब के बीच कई इजराइली प्रधानमंत्रियों ने भारत का दौरा किया, लेकिन आज से पहले भारत के किसी भी प्रधानमंत्री ने इजराइल का दौरा नहीं किया। इसके पीछे मुश्लिम कट्टपंथियों की नाराजगी को देखते हुए था। इसके चलते भारत के राजनेताओं ने तकनीक में माहिर इजराइल जैसे देश से मित्रता रखना तक जरूरी नहीं समझा था। अलबत्ता मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें भी बाजी मारते हुए देश के पहले ऐसे प्रथम प्रधानमंत्री बन गए, जिसने आजादी के इतने बरस बीत जाने के बाद बगैर वोट बैंक की चिंता किए इजराइल जैसे महत्वपूर्ण देश का दौरा किया।

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इसमें कोई शक नहीं कि इजराइल दुनिया का तकनीक और अन्य क्षेत्रों में सबसे ताकतवर देश है। इजराइल एक मात्र ऐसा देश है, जिसने किसी आतंकी संगठन का दंश नहीं झेला है बल्कि कई मुल्कों का आतंकवाद झेला है। इजराइल ने अलबत्ता इसका जवाब भी दुश्मन देश को डंके की चोट पर दिया, जिससे वह इजराइल पर आतंकी हमला करने की साजिश रचने तक में कतराते हैं। जब भारत आजाद हुआ था लगभग उस वक्त ही इजराइल का अस्तित्व सामने आया था। लगभग 70 साल तक किसी इंडियन पीएम ने इजराइल जाने का हौसला तक नहीं दिखाया। डरते थे कि कहीं देश में मुश्लिम वोट बैंक नाराज न हो जाए।

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यह अलग बात है कि इजिप्ट सहित दीगर मुस्लिम देशों ने इजराइल से डिप्लोमेटिक रिलेशन स्थापित करते हुए उसे मान्यता दे दी। अब कहीं जाकर नरेंद्र मोदी ने पहल की और एक और ' सबसे पहले ' का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ऐतिहासिक यात्रा से आतंक का दंश झेल रहे भारत को बहुत मदद मिलेगी और दोनों देश आपस में मिलकर आतंक का खात्मा करने के लिए रणनीति तैयार करेंगे।

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