अब घड़ियालों का कुनबा बढ़ाएगा वन विभाग, संरक्षण की ली अफसरों ने जिम्मेदारी

Update: 2017-11-07 15:39 GMT
प्रतीकात्मक फोटो 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। जलीय एवं वन्य जीवों का संरक्षण सरकार के लिए हमेशा चुनौती भरा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकारी तंत्र ने घड़ियालों के संरक्षण के लिए कदम उठाए हैं। ताकि उनकी पीढ़ी संरक्षित कर उनका कुनबा बढाया जा सके। इसके लिए हस्तिनापुर से नरौरा तक छोड़े गए घड़ियालों की पीढ़ी वन विभाग के अधिकारी कृत्रिम तरीके से संरक्षित करेंगे। अफसरों का कहना है कि आने वाली फरवरी में मादा घड़ियाल प्रजनन करेंगी और मई 2018 तक हस्तिनापुर स्थित केन्द्र में उनके अंडों को 30 से 32 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जाएगा।

648 घड़ियाल छोड़े गए थे

जलीय जीवों के रख-रखाव के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ यानी वर्ल्ड वाइल्ड फंड संस्था और वन विभाग संयुक्त रूप से काम करते हैं। वन विभाग के मुख्य संरक्षक मुकेश कुमार बताते हैं कि देशभर में घड़ियालों की संख्या घटी है। इसके पीछे शिकार एवं अनुकूल पारिस्थितिकी परिवेश का न होना है।

घड़ियाल संरक्षण के लिए सरकार के स्तर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। वर्ष 2009 से अभी तक हस्तिनापुर से नरौरा तक 648 घड़ियाल छोड़े गए हैं। इनकी संख्या की अगर बात करें तो हस्तिनापुर में 448 और बुलंदशहर के नरौरा में 200 के आस-पास है।

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फरवरी में देती हैं अंडे

डीएफओ अदिति शर्मा बताती मादा घड़ियाल आम तौर पर फरवरी में 30 से 35 अंडे देती हैं। पानी में अन्य खतरनाक जलीय जीव होने से घड़ियालों के बच्चे सुरक्षित नहीं रह पाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और वन विभाग ने संयुक्त रूप से प्लान बनाया है। हस्तिनापुर से नरौरा तक घड़ियालों पर नजर रखी जाएगी। फरवरी से मई तक जो भी बच्चे निकलेंगे उन्हे हस्तिनापुर स्थित सेंटर पर 30 से 32 डिग्री सेल्सियस पर रखेंगे। तापमान स्थिर बनाए रखने के लिए मशीनों का उपयोग किया जाएगा।

पानी में रहने लायक होने तक संरक्षण

बुलंदशहर के अंडों को भी प्रजनन के तत्काल बाद सुरक्षित रूप से हस्तिनापुर भेज दिया जाएगा। जैसे ही बच्चे पानी में रहने लायक हो जाएंगे, उन्हे छोड़ दिया जाएगा। इसके लिए पूरी प्लानिंग कर ली गई है। सिर्फ कुछ तापमान स्थिर रखने की मषीनों का आना बाकी है।

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12 वर्ष की उम्र में होते हैं परिपक्व

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वैज्ञानिक शमशाद खान बताते हैं, "घडियालों की औसतन उम्र 80 वर्ष होती है। साथ ही घड़ियाल 12 वर्ष की उम्र में परिपक्व होते हैं और इसी उम्र में प्रजनन के योग्य हो जाते हैं। विशेषज्ञ का कहना है कि घड़ियालों में एक खास विशेषता होती है। ये मगरमच्छ की तरह हमलावर नहीं होते है।

नरौरा से हस्तिनापुर की परिधि में 648 घड़ियाल छोड़े गए हैं। इनकी संख्या बढाने के लिए इनके अंडों को कृत्रिम तरीके से संरक्षित किया जाएगा।
मुकेश कुमार, मुख्य वन संरक्षक

हस्तिनापुर से नरौरा गंगा बैराज तक 678 घड़ियाल छोड़े गए हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए घड़ियालों के अंडों को कृत्रिम तरीके से सुरक्षित रखा जाएगा। बुलंदशहर से घड़ियालों के अंडे हस्तिनापुर भेजे जाएंगे। वहां पर 30 से 32 डिग्री सेल्सियस पर अंडों को रखा जाएगा। फरवरी में अंडे देने के बाद सामान्यत: मई में बच्चे निकल आते हैं।
वीके जैन, डीएफओ

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