सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती के दौर के बाद जातीय हिंसा एक बार फिर भड़क गई। इस मामले में अभी तक 24 लोगों को गिरफ्तारी हो चुकी है।
सहारनपुर में जातीय हिंसा के बाद पुलिस और प्रशासन गंभीर है। सीएम के निर्देश के बाद गृह सचिव मणिप्रसाद मिश्रा, एडीजी (कानून-व्यवस्था) आदित्य मिश्रा, आईजी (एसटीएफ) अमिताभ यश, डीआईजी विजय भूषण सहित आलाधिकारी सहारनपुर में डेरा जमाए हुए हैं।
दलितों और राजपूतों के बीच सहारनपुर में यह हिंसा चौथी बार हुई। पीड़ित दलितों का हाल जानने आई मायावती ने बीजेपी पर जातिवाद और पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि शब्बीरपुर में जो घटना हुई है वह शासन और प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुई है।
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बीजेपी को ऊर्जा मंत्री और पार्टी प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने इस घटना का जिम्मेदार बीएसपी को ठहराते हुए कहा कि सहारनपुर में शांति का माहौल कायम हो गया था, लेकिन मायावती के दौरे के बाद हिंसा फिर भड़क गई। वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि दोषी वयक्तियों को चिन्ह्ति कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार सबकी है और जाति, पंथ, मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
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एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि इस मामले में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। करीब 10 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। एक शख्स की मौत के संबंध में तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस वारदात में 15 लोग घायल हैं। सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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घटना की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी, गृह सचिव, आईजी एसटीएफ समेत कई बड़े अधिकारियों ने सहारनपुर पहुंचकर हालात को नियंत्रण में लिया। नगर पुलिस अधीक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ लोगों ने वहां के घरों में आग लगा दी थी। सिंह ने बताया कि हिंसा में मायावती की रैली के बाद लौट रहे दलितों की गाड़ी पर हमला हुआ और वहाँ से जा रही एक गाड़ी को रोककर उसमें सवार लोगों पर हमला किया गया।
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इस घटना में सरसवा के रहने वाले आशीष की मौत हो गई थी और बाकी चार लोग घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के मुताबिक शब्बीरपुर गांव में एक दर्जन घरों में आगजनी की गई। शब्बीरपुर और आसपास के इलाकों में अभी भी तनाव का माहौल है।
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