Video :उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा की कहानी फिल्म की पटकथा से कम नहीं

Update: 2017-09-11 09:40 GMT
उत्तर प्रदेश उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा।

अश्वनी द्धिवेदी

लखनऊ। डॉ. दिनेश शर्मा ने ‘गाँव कनेक्शन’ से बात करते हुए कहा, “आजादी के बाद बंटवारे के समय सिंध प्रांत की निवासी उनकी माता श्रीमती शांति शर्मा जो कि उस समय काफी कम उम्र की थीं, भूकंप के समय अपने परिवार से बिछड़ कर लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंच गईं, जहां लखनऊ की जानी-मानी शख्सियत रानी लीला रामकुमार भार्गव अनाथ शांति को अपने घर ले आईं और बेटी की तरह उनका पालन पोषण किया।”

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वह आगे बताते हैं, “पांच साल के बाद मेरी मां की माताजी यानी कि डॉ. शर्मा की नानी भी खोजते-खोजते रानी लीला भार्गव के घर पहुंचीं। लेकिन मेरी मां ने नानी से रानी साहब के साथ रहने की इच्छा व्यक्त की। रानी जी ने मां को एमए साहित्य व रत्न विशारद की शिक्षा दिलाई व उनका विवाह केदार नाथ शर्मा उर्फ पाधा जी से कराया।”

डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया, “पिताजी पहलवान थे और उन दिनों पाकिस्तान के एक पहलवान सादिक ने अखाड़े में सभी पहलवानों को लड़ने की चुनौती दे दी, सादिक को हराने वाले पहलवान के लिए पांच हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई थी, जिसमें केदार नाथ शर्मा उर्फ पाधाजी ने सादिक पहलवान को पटखनी दे दी लेकिन इनाम की राशि को लेकर झगड़ा होने पर मामले को शांत करने के लिए ईनाम की धनराशि आधी आधी बांट दी गई। ईनाम की धनराशि से पिताजी ने व्यवसाय शुरू कर दिया। अपनी प्राम्भिक अवस्था से ही संघ व कई बार अटल बिहारी बाजपेयी जी का भी सानिध्य प्राप्त हुआ।”

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा नानी स्व. रानी लीला रामकुमार भार्गव व अपने गुरु केके सक्सेना जिनके सानिध्य में दिनेश शर्मा ने पीएचडी पूरी की इन दोनों का पित्र पक्ष के दिनों में परम्परानुसार पुत्र धर्म का पालन करते हुए तर्पण और श्राद्ध करते हैं।

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ऐसे शुरू हुआ राजनीतिक सफर

डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया, “भाजपा कार्यालय में मुंख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्ता , कल्याण सिंह ,कलराज मिश्र और भंडारी बैठे हुए थे, मैं उस दिन भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष पद के लिए किसी और की सिफारिश करने गया था, मेरी बात सुनने के बाद भंडारी नाराज हो गए और मुझे डांटते हुए गेट आउट बोल दिया।

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इस घटना से मुझे काफी तकलीफ भी हुई, मैं हतप्रभ था कि भंडारी ने ऐसा व्यवहार क्यों किया?” आगे बताया, “दूसरे दिन मेरे पास कलराज मिश्र का संदेश आया कि मुझे किसी कार्यक्रम के लिए प्रेस नोट तैयार करना है, मैं पहुंच गया, मैंने कलराज मिश्र से भंडारी द्वारा डांटने की बात पर चर्चा की तो उन्हेांने कहा कि भंडारी ने आपको इसलिए डांटा क्योंकि वो आपको भाजपा युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं और कुछ देर में ही इस बात की घोषणा कर दी जाएगी। बैठक में मुझे भाजपा युवा मोर्चा का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।”

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