NTPC हादसा : तहरीर लेकर आये तो दर्ज होगा दोषी पर मुकदमा-  डीजीपी

Update: 2017-11-06 21:37 GMT
डीजीपी सुलखान सिंह।

लखनऊ। एक तरफ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बीआरडी अस्पताल में मासूमों की मौत का स्वत: संज्ञान लेकर योगी सरकार ने दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा जेल भेजने का काम किया था, लेकिन दूसरी ओर रायबरेली के एनटीपीसी हादसे में सरकार को तहरीर आने का इंतजार है, जिसके बाद ही पुलिस दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने की बात कह रही है।

रायबरेली जिले के ऊंचाहार स्थित नेशनल थर्मल पॉवर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) लिमिटेड में पिछली एक नवंबर को बॉयलर फटने से हुई घटना में यहां काम कर रहे श्रमिकों की मौत की संख्या अब तक 34 पहुंच गई है। इस मामले में अभी तक कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ है।

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सोमवार को लखनऊ के पीएसी मुख्यालय में आयोजित एसडीआरएफ के कार्यक्रम में डीजीपी सुलखान सिंह ने बयान देते हुए कहा कि अगर कोई एनटीपीसी हादसे में तहरीर आकर देगा तो दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा। डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि, किसी संस्था के अंदर हुए हादसों में पुलिस स्वत: मुकदमा नहीं दर्ज कराती है।

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वहीं इस संबंध में आईजी रेंज लखनऊ जय नारायण सिंह का कहना है कि, हादसे में घायल मजदूरों का ईलाज जारी है, जबकि अबतक स्थानीय पुलिस के पास किसी भी परिजन ने अपनों के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है, जिससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि, हादसे में घायल सभी मजदूरों को एनडीआरएफ और पुलिस टीम ने बाहर निकाल लिया है। वहीं पुलिस का रवैया साफ दिख रहा है, लेकिन बगैर शासन की मंशा के पुलिस एनटीपीसी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है।

हर ओर एक ही सवाल उठ रहा है कि, आखिर विभागीय कार्रवाई होने से मारे गए लागों के परिवार को सूकून मिलेगा क्या। जबकि पीड़ित परिवार दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की पहले दिन से ही मांग कर रहा है।

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