चेतावनी : चैन पुलिंग कर ट्रेन रोकी तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

Update: 2017-07-02 20:07 GMT
चैन पोलिंग कर ट्रेन रोकने की बढ़ती घटनाओं पर लगेगी लगाम

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

इलाहाबाद। चैन पोलिंग कर ट्रेन रोकने की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए नार्थ-ईस्ट जोन में कुछ पुराने कानून के साथ-कुछ नए नियमों को कड़ाई से लागू करने का फैसला लिया गया है। जोन में ट्रेन विलम्ब से चलने की एक वजह चैन पोलिंग भी माना जा रहा है।

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नई तैयारियों के मुताबिक चैन पोलिंग के बाद पर्याप्त कारण नहीं बताने वालों के खिलाफ कुछ ऐसे कदम उठाने का फैसला रेलवे के अधिकारियों की ओर से लिया गया है, जिससे वे भविष्य में सरकारी नौकरी से वंचित हो जाएंगे। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के अधिकारियों के मुताबिक आदतन और अनावश्यक रूप से चैन पोलिंग कर ट्रेन रोकने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला लिया गया है, हालांकि अभी इसके लिए निर्देश जारी नही किया गया है,लेकिन कुछ ही दिनों में आधिकारिक रूप से इसका निर्देश जारी कर दिया जाएगा।

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इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर तैनात आर पी एफ इंस्पेक्टर पी के राणा ने बताया, "ट्रेन में चैन पोलिंग की वजह से ट्रेन संचालन में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिस वजह से ऐसे फैसले लिए गए हैं जिसका सख्ती से अनुपालन किया जाना है।"

रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के अस्सिटेंट कमाण्डेन्ट प्रमोद कुमार के मुताबिक नार्थ-ईस्ट जोन में कुछ ऐसे जगहों को चिन्हित किया गया है, जहां प्रत्येक दिन चैन पोलिंग होती है। ऐसा कुछ विशेष लोग अपनी सुविधा के लिए करते हैं जिससे ट्रेन के अन्य यात्रियों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ट्रेन के यात्री खुद को असुरक्षित महसूस करने लगते है। उन्हें सुरक्षा व्यवस्था की मुस्तैदी का एहसास कराने और ट्रेन चैन पोलिंग की घटनाओं में कमी लाते हुए ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से करने के चैन पोलिंग करने वालों से सख्ती से निपटने की तैयारी की जा रही है।

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आरपीएफ अधिकारी मनोज कुमार के मुताबिक चैन पोलिंग के बाद पकड़े जाने वालों के खिलाफ रेलवे की धारा 141 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। जिसके तहत चैन पोलिंग करने वाले को आर्थिक जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा भी मुकर्रर की जाती है। अभी तक यह कार्रवाई आर पी एफ अपने स्तर तक करती थी, लेकिन इसके तहत नया कदम यह उठाया जाएगा कि चैन पोलिंग करने वाले से इसकी वजह पूछी जगह जाएगी।

पर्याप्त वजह नहीं बता पाने की स्थिति में सम्बंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले पंजीकृत करने के बाद उसकी एक कॉपी आरोपित के गृह थाने पर भेजकर मामले से अवगत कराया जाएगा। इसके बाद पंजीकृत मामले के आधार पर रेल मजिस्ट्रेट की ओर से सजा मुकर्रर करने की सूचना सम्बंधित थाने को दी जाएगी जिससे की आरोपित के नाम से आपराधिक रिकॉर्ड तैयार किया जा सके। पुराने नियमों के मुताबिक सरकारी नौकरी के पद भार देने से पहले गृह थाने पर अभ्यर्थी के आपराधिक रिकार्ड की जानकारी मांगी जाती है। ऐसे में आरपीएफ की यह कार्रवाई सरकारी नौकरी में बाधक का काम करेगा।

रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के असिंस्टेंट कमांडेन्ट मनोज कुमार कहते हैं, "ट्रेन संचालन में चैन पोलिंग की वजह से बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं। कुछ लोग आदतन अनावश्यक रूप से चैन पोलिंग करते है। ऐसे सख्त कदम से घटनाओं में कमी आएगी।"

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