'गेहूं क्रय केंद्रों पर टोकन व्यवस्था कड़ाई से कराई जाए लागू'

गेहूं क्रय केंद्रों पर टोकन व्यवस्था कड़ाई से लागू कराई जाए, इससे किसानों को अपना उपज बेचने में क्रय केंद्रों पर इंतजार न करना पड़े।

Update: 2018-05-12 12:44 GMT
लखनऊ। "गेहूं क्रय केंद्रों पर टोकन व्यवस्था कड़ाई से लागू कराई जाए, इससे किसानों को अपना उपज बेचने में क्रय केंद्रों पर इंतजार न करना पड़े। जिलों में अनियमित खरीद का प्रकरण आने पर संबंधित दोषियों को उत्तरदायी बनाकर उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई कराई जाए।" यह आदेश उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गेहूं खरीद की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए।
उन्होंने कहा, "गेहूं की डिलीवरी की गति तेज करने और भण्डारण के लिए गोदामों का चिन्हीकरण कर सुगमतापूर्वक डिलीवरी सुनिश्चित कराई जाए, जिससे क्रय एजेंसियों के पास भी पर्याप्त धन की उपलब्धता क्रय केंद्रों के लिए बनी रहे।" कृषि मंत्री ने कहा, "बोरों की उपलब्धता की भी क्रय केन्द्रवार समीक्षा करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक क्रय केन्द्र पर बोरों और धनराशि की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।"  


कृषि मंत्री द्वारा मसूर, चना और सरसो क्रय की भी समीक्षा की गई। तीनों जिन्सों में अपर्याप्त क्रय की प्रगति पर उनके द्वारा कड़ा आक्रोश भी व्यक्त किया गया और प्रबन्ध निदेशक, पीसीएफ और नेफेड के अधिकारियों को क्रय केन्द्रों की शीघ्र चालू करने और क्रय में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। 
उन्होंने यह भी निर्देशित किया गया कि प्रत्येक जनपदों में शिथिल कर्मचारियों/अधिकारियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाए। इसके अतिरिक्त जिले के प्रभारी प्रमुख सचिव क्रय केन्द्रों का निरीक्षण करें और गड़बड़ी पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करें।
प्रदेश में 1 अप्रैल 2018 से 15 जून 2018 तक कुल 50 लाख मै.टन के लक्ष्य के सापेक्ष 08 मई 2018 तक 26.64 लाख मै.टन गेहूं क्रय किया जा चुका है। जिसके सापेक्ष 4593.02 करोड़ रुपए की धनराशि का भुगतान किसानों के खातों में कर दिया गया है।
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