तुलसी खेती से ये किसान बन रहा है लखपति

Update: 2017-06-20 18:25 GMT
पुरनपुर ब्लॉक के शेरपुर कलां गाँव के नदीम खान कर रहे तुलसी की खेती

अनिल चौधरी, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

पीलीभीत। धान, गेहूं जैसी परंपरागत फसलों में होने वाले नुकसान से किसानों का रुझान तुलसी जैसी औषधीय फसलों की ओर बढ़ा है, यही नहीं किसान इससे अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं।                                                                                                                                                                                         जिला मुख्यालय से लगभग 55 किमी. दूर पुरनपुर ब्लॉक के शेरपुर कलां गाँव के नदीम खान तुलसी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। नदीम खान बताते हैं, "पीलीभीत में निवास करने वाले और कृषि में नये-नये शोध करने वाले जयेन्द्र सिंह से मुझे तुलसी खेती की प्रेरणा मिली। आज इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।"

इस बारे में जब ग्राम हटुआ विजिलियाई के उन्नतशील किसान मोतीराम (45 वर्ष) कहते हैं, "तुलसी की फसल से होने वाली आय देखकर मैं भी दो एकड़ में मानसून तुलसी की खेती करने जा रहा हूं।"

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एक एकड़ खेत में तुलसी की खेती करने के लिए अलग से 600 ग्राम बीज डालकर पौध तैयार की जाती है। लेमन तुलसी की पौध तैयार करने का उचित समय अप्रैल माह का पहला सप्ताह है। लगभग 15-20 दिन में पौध तैयार हो जाती है। जबकि मानसूनी तुलसी की पौध जून-जुलाई में तैयार की जाती है। पौध तैयार होने के बाद नर्सरी से निकालकर लाइनों में खुरपी से रोप दी जाती है। इसमें रोपाई के समय यह ध्यान रखा जाता है कि पौधे से पौधे की दूरी 12-15 इंच व लाइन से लाइन की दूरी 15-18 इंच रखी जाती है।

तुलसी की फसल में महीने में दो से तीन सिंचाई पर्याप्त हैं। यहां सबसे अच्छी बात यह है कि तुलसी की फसल में कोई बीमारी या कीड़ों का प्रकोप नहीं होता व खाद के रूप में केवल गोबर की खाद का ही प्रयोग किया जाता है।

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तुलसी की फसल पौध रोपाई से 65-70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसको काटकर सुखा लिया जाता है। जब तुलसी की पत्तियां सूख जाती हैं तो इन्हें इकठ्ठा कर लिया जाता है। उपज के रूप में एक एकड़ खेत में पांच से छह कुंटल सूखी पत्ती प्राप्त होती हैं जो बाद में डाबर, पतंजलि व हमदर्द जैसी औषधि कंपनियां 7000 रुपये प्रति कुंटल के हिसाब से खरीद लेती हैं। जबकि एक एकड़ तुलसी की फसल पैदा करने में पांच से छह हजार रुपये का खर्च आता है। इस प्रकार एक एकड़ तुलसी की फसल से 36000 रुपये की बचत एक फसल में हो जाती है। जबकि साल में तुलसी की दो फसलें पैदा की जा सकती है।

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किरणपाल ओवरसीज एक्सपोर्ट कम्पनी, दिल्ली तुलसी की सूखी पत्तियों को 15000 रुपये प्रति कुंतल व गीली पत्तियां चार से छह हजार रुपए प्रति कुंटल तक खरीद लेती है। तुलसी की फसल पैदा करने के लिए अच्छा व सर्टिफाइड बीज प्राप्त करने के लिए केंद्रीय औषधीय अनुसंधान संस्थान, लालकुआं (नैनीताल) से संपर्क किया जा सकता है।

तुलसी और कालमेघ की खेती का सही समय

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