सर्वोदय योजना : मुक्त कराए गए बालश्रमिकों को गोद लेकर ज़िंदगी संवार रहे सरकारी अफसर 

Update: 2017-01-18 16:57 GMT
गोद लिए गए बालश्रमिक शादाब के साथ भोजन करते जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन और उनकी पत्नी। 

हरी शुक्ला

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

गोंडा। बालश्रमिकों को मुक्त कराकर फाइल बंद कर देने वाले अफसरों के लिए यह ख़बर एक नजीर है। डीएम आशुतोष निरंजन ने बीते माह मुक्त कराए गए नौ बालश्रमिकों के जीवन में नया सवेरा लाने की पहल की है। सर्वोदय योजना के तहत सभी बालश्रमिकों को अफसरों ने गोद ले लिया है। स्वयं डीएम ने भी कपड़े की दुकान में काम करने वाले शादाब खान (14 वर्ष) की पढ़ाई-लिखाई का खर्च स्वयं वहन करने का जिम्मा उठा लिया है।

दरअसल, मुफलिसी से मजबूर होकर करनैलगंज की एक रेडीमेड कपड़े की दुकान पर सौ रुपए प्रतिदिन की मजदूरी पर काम करने वाले शादाब खान की ज़िंदगी में जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन की मुहिम नया सवेरा लेकर आई है। जिलाधिकारी ने बाल श्रमिक शादाब खान (14 वर्ष) को गोद लेकर उसकी शिक्षा-दीक्षा का जिम्मा उठाया है।

बताते चलें कि विगत माह जिलाधिकारी निरंजन के निर्देशन में श्रम विभाग द्वारा जनपद में अभियान चलाकर छापेमारी कर नौ बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया था। मुक्त कराए गए नौ बाल श्रमिकों को डीएम के निर्देशन में अधिकारियों की गोद मिल गई है। सर्वोदय योजना के तहत अफसरों द्वारा जिले के नौ बच्चों को गोद लिया गया है।

गोंडा के जिलाधिकारी की पहल पर शुरू की गई सर्वोदय योजना।

जिलाधिकारी निरंजन बताते हैं, “मेरे द्वारा गोद लिए गए बालक शादाब खान के परिजनों की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण वह मजबूर होकर करनैलगंज कस्बे में ही एक फैंसी रेडीमेड कपड़े की दुकान पर सौ रुपए प्रतिदिन की मजदूरी करने लगा था। छापेमारी अभियान के दौरान शादाब दुकान पर काम करता हुआ पाया गया था।”

उसके बाद जिलाधिकारी ने शादाब को अपने आवास पर बुलाकर अपने साथ खाना खिलाया और उसकी शिक्षा के लिए तत्काल ट्यूशन की व्यवस्था के साथ ही ट्यूशन जाने के लिए एक साइकिल, कपड़े और किताबों का प्रबन्ध कराया है। डीएम ने बताते हैं, “अगले शिक्षा सत्र में शादाब का एडमीशन किसी अच्छे स्कूल में कराया जाएगा। शादाब खान सहित सभी गोद लिए गए नौ बच्चों की पढ़ाई पर आने वाले खर्च को हम सभी अधिकारी स्वयं वहन करेंगे। इसके साथ ही गोद लिए हुए बच्चों का ई-डाटा तैयार कर ऑनलाइन मॉनीटरिंग की व्यवस्था बनाई जाएगी।” जिलाधिकारी की इस पहल से गरीब बच्चों की ज़िंदगी में खुशहाली आ गई।

इन अधिकारी ने गोद लिए बच्चे

  1. डीएम आशुतोष निरंजन ने शादाब खान पुत्र नसीम अख्तर निवासी मोहल्ला गाड़ी बाजार पूर्वी कस्बा करनैलगंज को।
  2. सीडीओ जयंत कुमार दीक्षित ने मोनू शुक्ला पुत्र श्रीधर शुक्ला, निवासी गौड़ियनपुरवा नगवांकला गोण्डा को।
  3. एसपी सुधीर कुमार सिंह ने समीर पुत्र फहीम अख्तर निवासी गाड़ी बाजार करनैलगंज पूर्वी को।
  4. एसडीएम त्रिलोकी सिंह ने मंगली पुत्र रामानन्द मौर्या निवासी 430-नचनी करनैलगंज को।
  5. अपर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने रोहित पुत्र रामानन्द मौर्या को।
  6. उपश्रमायुक्त देवीपाटन मण्डल शमीम अख्तर अंसारी ने लक्ष्मण पुत्र अशरफी लाल निवासी अहिरनपुरवा निवासी सकरौरा ग्रामीण करनैलगंज व सोनू पुत्र अशरफी लाल निवासी सकरौरा ग्रामीण करनैलगंज को।
  7. परियोजना निदेशक डीआरडीए वीरपाल ने राजा पुत्र रोहित निवासी निवासी ग्राम चाइनपुरवा पोस्ट मलौना करनैलगंज को।
  8. जिला पंचायतराज अधिकारी घनश्याम सागर ने प्रकाश पुत्र दृगराज निवासी चाइनपुरवा पोस्ट मलौना करनैलगंज को।

Similar News