मथुरा में बना देश का पहला हाथी अस्पताल, जानिए यहां क्या है खास

Update: 2018-11-22 09:30 GMT
साभार: वाइल्ड लाइफ एसओएस

लखनऊ। मथुरा और आगरा के बीच बने हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में देश का पहला हाथी अस्पताल खोला गया है। इस अस्पताल में घायल और बीमार हाथियों का इलाज किया जाएगा।

दक्षिण एशिया में वन्यजीवों के लिए कार्यरत वाइल्ड लाइफ एसओएस संस्था ने इस अस्पताल की शुरुआत की है। यह संस्था वर्ष 1995 से वन्यजीवों का संरक्षण और पर्यावरण को बचाने के लिए काम कर रही है।

जंगल में घूमली माया और फूलकली      साभार : वाइल्ड लाइफ एसअोएस

यह भी पढ़े- देश में हर महीने औसतन सात हाथियों की हो रही मौत, 10 फीसदी की दर से कम हो रही संख्या

हाथियों के अस्पताल में सुविधाओं के बारे में वाइल्ड लाइफ एसओएस संस्था के निदेशक बी राज एमवी ने बताते हैं, ''केंद्र में जितने भी हाथी हैं वह किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इस अस्पताल से काफी मदद मिलेगी। हाथियों के लिए छह डॉक्टरों को रखा गया है। अस्पताल में डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, वजन नापने की डिजिटल मशीन रखी गई है।"

Full View

हाथी अस्पताल का उद्घाटन आगरा मण्डल के आयुक्त अनिल कुमार ने किया था। उन्होंने इस अस्पताल के बारे में समाचार एजेंसी भाषा से कहा,'' यह क्षेत्र कृष्णनगरी और ताजनगरी के साथ-साथ हाथियों के विशेष अस्पताल के रूप में भी जाना जाएगा।''

हाथी केंद्र के अलावा इस संस्था के पूरे भारत में चार ब्लैक भालू, एक हिमालयन भालू, एक तेंदुआ केंद्र बना हुआ है, जहां इन वन्यजीवों को रखकर उनकी देखभाल की जाती है। मथुरा के फरग गाँव के पास चुरमुरा में स्थित हाथी संरक्षण केंद्र लगभग 50 एकड़ में बना है। वर्तमान में यहां 20 हाथी हैं, जिसमें आठ हाथी और 12 हथनी हैं। यह सभी शारीरिक रूप से अस्वस्थ्य हैं इनमें से कुछ को आंखों से दिखाई नहीं पड़ता तो कुछ कमजोरी और अन्य बीमारियों की वजह से चलने में असमर्थ हैं। इसलिए इनकी देखभाल करने के लिए यहां 50 कर्मचारियों का स्टाफ तैनात है।

 साभार : वाइल्ड लाइफ एसअोएस

हाथियों के इलाज के साथ-साथ पशु चिकित्सा पढ़ने वाले छात्रों और इंटर्न को भी आने की इजाजत होगी ताकि वे सुरक्षित दूरी से हाथियों के इलाज के तरीके को सीख सकें।

यह भी पढ़े-असहाय हाथियों की देखरेख का ये है अनूठा ठिकाना

Similar News