नक्सलवाद से निपटने के लिए कल दिल्ली में जुटेंगे नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री

Update: 2017-05-07 13:44 GMT
नक्सली हमलों की वजह क्या है?

नई दिल्ली (भाषा)। सशस्त्र नक्सलियों से निपटने के लिए नए तरीके अपनाने पर विचार को लेकर नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री कल दिल्ली में शीर्ष प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह बैठक की अध्यक्षता करेंगे। छत्तीसगढ में माओवादी हमले में अर्द्धसैनिक बल के 25 जवानों के मारे जाने की घटना के दो सप्ताह बाद यह बैठक आयोजित हो रही है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अनुमान है कि इस बैठक से आगामी दिनों में छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों में अपने ठिकाने में छिपे गुरिल्लाओं से लड़ने के लिए नक्सल रोधी रणनीति को अंतिम रूप देने में मदद मिलेगी।

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इस अहम बैठक के लिए छत्तीसगढ़, झारखंड, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। बैठक में अर्द्धसैनिक बलों एवं खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित 35 जिलों के पुलिस अधीक्षक शामिल रहेंगे। बैठक में खुफिया तंत्र में सुधार, मौजूदा अभियानों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण, समस्याग्रस्त इलाकों की पहचान और बेहतर परिणामों के लिये समाधानों की मांग पर जोर दिए जाने की संभावना है।

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अधिकारी ने बताया कि नक्सल रोधी रणनीति को और पुख्ता करने के लिए पुन: विश्लेषण और हमले में हताहतों की संख्या में कमी लाना एजेंडे के शीर्ष पर है। गृहमंत्री ने सुरक्षा अधिकारियों से कहा है कि संकटग्रस्त इलाके में किसी सड़क की मरम्मत या विकास कार्य पर नजर रख रहे सुरक्षाकर्मियों पर लगातार होने वाले नक्सली हमलों से जुड़ी समस्या का समाधान तलाशने के लिए अधिकारी कुछ अलग तरह से विचार करें।

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प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण एवं विकास की अन्य गतिविधियों पर भी चर्चा होगी। संभावना है कि मुख्यमंत्री किसी ऐसी वैकल्पिक आधुनिक प्रौद्योगिकी का समर्थन कर सकते हैं जिससे परियोजनाओं के तेजी से पूर्ण होने में मदद मिलेगी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा समय में 90 प्रतिशत माओवादी गतिविधियां 35 जिलों में सिमट गई हैं और उनका 10 राज्यों के 68 जिलों में उनका प्रभाव है।

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