किसानों की आमदनी बढ़ाने का फार्मूला तैयार, इस तरह पहनाया जाएगा अमलीजामा

Update: 2017-11-29 17:40 GMT
डॉ. एमजे खान से खास मुलाकात।

2022 तक किसानों की आमदनी कैसे दोगुनी होगी, इसका ड्राफ्ट तैयार हो गया है। जहां पहले सरकारों का फोकस उत्पादन बढ़ाने पर था वहीं मोदी सरकार में किसानों को उनके फसल की अच्छी कीमत दिलाने पर जोर दिया जाएगा। गांव कनेक्शन ने इस बारे में भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद (आईसीएफए) के चेयरमैन डॉ. एमजे खान ने विस्तार से बात की। डॉ. खान की मानें तो सरकार, कृषि से जुड़ी संस्थाओं और विभागों ने मिलकर जो कार्ययोजना तैयार की है, उस पर चलकर 2022 से काफी पहले ही लक्ष्य को पाया जा सकता है। देखिए वीडियो

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हरियाणा के सोनीपत के चिदाना गांव में आयुर्वेट कंपनी की किसान गोष्ठी में शामिल होने पहुंचे डॉ. खान आमदनी को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए हरितक्रांति के बाद आए बदलावों की चर्चा करते हैं। आजादी के बाद खाद्यान सुरक्षा हासिल करना बड़ी चुनौती थी। तब 5 साल में उत्पादन काफी बढ़ गया था। नेता अाश्वस्त हो गए थे कि अब देश में भरपूर अनाज है, लेकिन जिस अनुपात में उत्पादन बढ़ा था, किसानों की आमदनी नहीं बढ़ी।”

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“लेकिन अब ये तय हो गया है कि सिर्फ उत्पादकता नहीं, किसानों की आय बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए पूरा एजेंडा सेट हो गया है। देश में चर्चा चल पड़ी है। हर विभाग, चाहे वो कृषि हो, बागवानी या मछली सब इस कोशिश में हैं कि कैसे किसान को अच्छा रेट मिले, उसकी आदमनी बढ़े।” वो आगे बताते हैं।

सोनपीत के चिड़ाना गांव में महिला किसानों से बात करते डॉ. एम जे ख़ान। फोटो विनय गुप्ता।

कृषि के क्षेत्र में क्या बदलाव होने चाहिए इन सबको लेकर कृषि एवं खाद्य परिषद ने काफी रिसर्च की है, कृषि मंत्रालय से लेकर प्रधानमंत्री तक से खुद डॉ. एमजे खान ने मुलाकात की है।

डॉ. खान कहते हैं, “आदमनी बढ़ानी है तो सिर्फ फसल उगाने पर नहीं, फसल की कटाई के बाद वाले काम पर ज्यादा ध्यान देना होगा। सरकार का जोर पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट पर है। ताकि जो किसान के खेत में पैदा हुआ वो अच्छे से उसके घर तक पहुंचे और बाजार में उसका अच्छा मूल्य मिले। मूल्य संर्वधन करना होगा, कस्टमर की जेब से निकले पैसे का ज्यादा हिस्सा किसान को दिलाना होगा।”

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आदमनी और उत्पादन की चर्चा के बीच एक सर्वे का जिक्र करते हुए डॉ. खान कहते हैं, “एक बड़े सर्वे में ये बात सामने आई थी कि उत्पादन बढ़ाने में जितना खर्च होता है, उससे 100 रुपए की आमदनी होती है। अगर कटाई के बाद फसल के प्रोडक्शन और मार्केटिंग पर जोर दिया जाए तो उतनी ही लागत में 400 रुपए की कमाई होगी लेकिन इसके लिए हमें फसल में वैल्यू एडिशन करने होंगे, फसल को उत्पाद में बदलना होगा। वैल्यू चेन तैयार करनी होगी, अच्छा मार्केट भी तैयार करना होगा।’

किसान गोष्ठी में आयुर्वेट कंपनी एमडी मोहन जे सक्सेना के साथ डॉ.एमजे खान।

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खेती को फायदे का सौदा बनाने के लिए क्या होना चाहिए, इस पर डॉ. खान कहते हैं, राज्यों को अपने यहां हर जिले में मॉडल फार्म तैयार करने होंगे। वहां खेती की नई जानाकरियां दी जाएंगी कि कैसे कम से कम लगात में खेती हो सकती है। तकनीक का बेहतर इस्तेमाल बताना होगा और इंटीग्रेटेड सिस्टम को आम किसान को समझाना होगा।’

वो किसानों को भी सलाह देते हुए कहते हैं, “इस प्रक्रिया में किसान को अपनी सीखने की क्षमता बढ़ानी होगी। खेती के वो तरीके जो अब कामयाब नहीं है, उन्हें भूलना होगा। नए तरीके सीखने होंगे। तभी वो फायदे की खेती कर पाएंगे।”

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