गांव कनेक्शन को मिली Google की फंडिंग, बनाएगा 100 करोड़ ग्रामीण भारत के लिए रूरल इनसाइट प्लेटफॉर्म
ग्रामीण भारत की आवाज, गांव और शहर के बीच कनेक्शन को जोड़ने वाले ग्रामीण मीडिया संस्थान गांव कनेक्शन को गूगल न्यूज एनिशिएटिव 2020 इनोवोशन कॉन्टेस्ट की फंडिंग के लिए चुना गया है। गांव कनेक्शन समेत पूरे एशिया पैसिफिक क्षेत्र में सिर्फ 18 संस्थानों को ये ग्रांट मिली है, जिसमें चार भारत के हैं।
गूगल से मिलने वाली इस आर्थिक मदद के जरिए गांव कनेक्शन ऐसे बहुआयामी रूरल इनसाइट प्लेटफॉर्म का निर्माण करेगा, जिसमें विशेष ऐप के जरिए भारत के सभी राज्यों में और केंद्र शाषित प्रदेशों से लगातार सर्वे होंगे। हजारों लोगों में होने वाले इन सर्वे के नतीजे हर हफ्ते जारी किए जाएंगे, जो ये बताएंगे ग्रामीण भारत क्या चाहता है, और क्या नहीं चाहता है? ये सर्वे नीति निर्माताओं को बताएंगे कि देश के करीब 100 करोड़ लोग क्या चाहते हैं। सर्वे सरकार के अलावा ब्रांड्स को भी ग्रामीण भारत को समझने में मदद करेंगे।
जीएनआई Google News Initiative फंडिंग से उत्साहित गांव कनेक्शन ने फाउंडर नीलेश मिसरा कहते हैं, "भारत में अपनी तरह का ये पहला रूरल इनसाइट प्रयोग होगा। ये सर्वे भारत की जनता की 67 फीसदी जनता की आवाज होंगे, जो सर्वे के वैज्ञानिक तरीकों पर आधारित होंगे, सर्वे के नतीजे सरकारों, नीति निर्माताओं की मदद करेंगे, ग्रामीण भारत की जनता, सरकार और कंपनियों के लिए ये गेम चेंजर साबित होगा।"
Proud to share: @GaonConnection is among 18 Asia-Pacific news organisations selected by the Google News Initiative Innovation Challenge. We shall build an data+content insights platform that will regularly document what rural India wants. https://t.co/jMe4LWSuCY #SlowJournalism pic.twitter.com/70OSgG1h8l
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) April 30, 2020
गूगल Google News Initiative इनोवोशन चैलेंज 2020 प्रोजेक्ट के तहत प्रतिभागियों से ऐसे प्रोपोजल मांगे गए थे, जिसके तहत स्वतंत्र पत्रकारिता को बढ़ावा मिले, पाठकों से संवाद बढ़े और सब्सक्रिप्शन आधारित पाठक या दर्शक वर्ग को प्रोत्साहन मिले। एशिया पैसिफिक क्षेत्र में 255 मीडिया संस्थानों ने आवेदन किया था, जिसमें 18 संस्थानों को चुना गया है।
तीन बार रामनाथ गोयनका समेत पत्रकारिता के कई प्रतिष्ठित अवार्ड जीत चुका गांव कनेक्शन पिछले कई वर्षों से ग्रामीण भारत खासकर किसानों, महिलाओं, युवाओं की आवाज बना हुआ है। अपने देशभर में फैले कम्युनिटी जर्नलिस्ट नेटवर्क के जरिए गांव कनेक्शन अब भारत का पहला रूरल इनसाइट प्लेटफॉर्म बनने जा रहा है।
We're committing $2.3M in funding to support 18 news organizations through the second Asia Pacific Innovation Challenge. Selected projects focus on increasing reader engagement. https://t.co/eWowaEDOjS
— Google News Initiative (@GoogleNewsInit) April 30, 2020
जीएनआई ग्रांट की मदद बनने वाले ऐप के जरिए कम्युनिटी जर्नलिस्ट और गांव कनेक्शन से जुड़े हजारों एनजीओ, किसान संगठन और दूसरे कम्युनिटी ग्रुप की मदद से देशव्यापी सर्वे किए जाएंगे। इसमें न सिर्फ उनसे सवाल पूछे जाएंगे बल्कि भारत के आम नागरिक ऐप पर अपने वीडियो और आवाज रिकॉर्ड कर ये भी बता पाएंगे कि वो क्या चाहते हैं।
सर्वे की फाइंडिग के आधार पर गांव कनेक्शन की संपादकीय टीम, ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए, अधिकारियों और उस मुद्दे से जुड़े लोगों से बात कर विस्तृत मल्टीमीडिया रिपोर्ट (टेक्ट्स, वीडियो, पॉडाकास्ट) तैयार करेगी, जिनके जरिए नीति निर्माता समझ सकेंगे कि भारत गांव क्या चाहता है। क्या जो महाराष्ट्र के लोग चाहते हैं वहीं, उत्तर प्रदेश की ग्रामीण जनता भी चाहती है या फिर उनकी चाहत और मांग या जरूरत कुछ और है?
नीलेश मिसरा कहते हैं, "गांव कनेक्शन, मुद्दों और सरोकार की पत्रकारिता करता है। अब हम सर्वे के जरिए एक नया आयाम खोलेंगे। गांव कनेक्शन की स्टोरी अब मजबूत डाटा के जरिए आम जनता की आवाज बनेगी। ये डाटा भी सरकारी न होकर हमारी खुद की इनसाइड टीम के जरिए एकत्र किया जाएगा। गांव कनेक्शन इनसाइड फ्लेटफॉर्म के जरिए हमारी कोशिश सिर्फ सरकार और नीति निर्माताओं को भी सही जानकारी देने की नहीं बल्कि शहरी जनता की ग्रामीण जनता को लेकर समझ विकसित करने की है।"
.@GaonConnection is proud to have won in this innovation challenge :-) We have exciting plans in our roadmap. Very proud of our work as a team! @GoogleNewsInit https://t.co/j8vCPWyujM
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) April 30, 2020
गांव कनेक्शन साल 2019 में 19 राज्यों में 18000 रेस्पॉडेंट के साथ सर्वे कर चुका है, जिसमें ये पहली बार इस बात को रेखांकित किया गया कि कैसे हर पांच में एक किसान ये महसूस कर रहा है कि कृषि के लिए जलवायु परिवर्तन बड़ी वजह है। इसी तरह 49 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके बच्चे खेती करना नहीं चाहते। गांव कनेक्शन के इस सर्वे को देश की बड़ी समाचार एजेंसियों ने जारी किया था, और इंग्लिस-हिंदी के बड़े मीडिया हाउस ने पब्लिश किया था।
गांव कनेक्शन इनसाइड फ्लेटफॉर्म के लिए ऐप बनाने के लिए कंपनी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही पूरे देश में कम्युनिटी जर्नलिस्ट के नेटवर्क को और मजबूत किया जा रहा है।
गांव कनेक्शन का रूरल इनसाइट ऐप बनने के बाद देश के 300 जिलों से सर्वे की शुरुआत की जाएगी, जिसमें कम से कम 25000 लोग शामिल होंगे। गांव कनेक्शन को उम्मीद है ये सर्वे, देश के सुदूर गांवों में रहने वाले आदिवासी, किसान, महिला, ग्रामीण युवाओं की आवाज़ बनेंगे।
गांव कनेक्शन के फाउंडर नीलेश मिसरा कहते हैं, "गांव कनेक्शन एक स्वतंत्र मीडिया प्लेटफॉर्म है, जिसके पास न कोई इनवेस्टर और न ही विज्ञापनदाता। गांव कनेक्शन का रूरल इनसाइट फ्लेटफॉर्म हमें आगे भी स्वतंत्र मीडिया हाउस रहने में मदद करेगा, सर्वे हमारे लिए कमाई (रेवेन्यू) का नया सोर्स बनेंगे।"
गांव कनेक्शन को साल 2019 में YouTube ने अपने न्यूज एनिवेशन प्रोजेक्ट के लिए भी चुना था। यूट्यूब की मदद से आज गांव कनेक्शन ने भारत के हिंदी भाषी राज्यों से निकलकर महाराष्ट्र और कर्नाटक, ओडिशा समेत 19 राज्यों से वीडियो कंटेट बनाकर ग्रामीण भारत के मुद्दों को राष्ट्रीय पटल पर रख रहा है।