83 विलुप्त होती देसी भाषाओं को इस ऐप के माध्यम से सीखिए 

Update: 2017-12-14 16:51 GMT
भारतवाणी

‘भारतवाणी’ एक ऐसी परियोजना है, जिसका उद्देश्य मल्टीमीडिया (पाठ, श्रव्य, दृश्य एवं छवि) का उपयोग करते हुए भारत की समस्त भाषाओं के बारे में एवं भारतीय भाषाओं में उपलब्ध ज्ञान को एक पोर्टल (वेबसाइट) पर उपलब्ध कराना है। यह पोर्टल समावेशी,संवादात्मक और गतिशील होगा। इसका मूल उद्देश्य है डिजिटल भारत के इस युग में भारत को “मुक्त ज्ञान” समाज बनाना।

हमारे देश में अनुमानित 1500 भाषाएं है।भारतवाणी पोर्टल दुनिया भर के लोगों को भारत की ख़त्म हो रही 83 भाषाओं के अलावा कई मोनोलिंगुअल और बहुभाषीय शब्दकोशों का उपयोग करने की इजाजत देता है।वर्तमान में इसमें और भाषाएं जोड़ने का काम चल रहा है।

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पोर्टल का उद्देश्य

2016 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया भारतवाणी पोर्टल, शब्दकोशों के मामले में भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन भंडार बन गया है । यह पोर्टल केंद्रीय संस्थान फॉर भारतीय भाषाओं, मैसूर (सीआईआईएल) द्वारा संचालित और संभाला जाता है।इसमें कुछ ऐसी भाषाएं भी हैं, जिन्हें यूनेस्को द्वारा विलुप्त होने की श्रेणी में रखा गया है। पोर्टल का उद्देश्य भारत की ऐसी भाषाओं को संकलित करना है जो विलुप्त हो रहीं हैं और लुप्तप्राय भाषाओं को बहुत अधिक ऑनलाइन दृश्यता की भी आवश्यकता है।

भारतवाणी के लिए सामग्री का संकलन कैसे किया जाता है

  • भारतवाणी भारत के समस्त सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों, शैक्षणिक बोर्ड, पाठ्य-पुस्तकों से संबंधित निदेशालयों, विश्वविद्यालयों, आकादमी एवं प्रकाशन गृहों आदि से ज्ञान सामग्री का संकलन मल्टीमीडिया के रूप में समस्त सूचीबद्ध भाषाओं में करता है ।
  • भारतवाणी व्यक्तिगत संस्थाओं से भी अनवरत ऑनलाइन उपयोग के लिए सामग्री लेता रहता है।
  • सामग्री संकलन और प्राथमिकता निर्धारण को अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाता है फिर संपादकीय समिति द्वारा प्रस्तुत सिफारिशों पर सलाहकार समिति द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाता है ।
  • भारतवाणी का ध्येय ज्ञान सामग्री को प्रकाशित करना है। इसके साथ ही सलाहकार समिति द्वारा विशिष्ट मापदंडों के आधार पर चयनित कथेतर साहित्य को भी प्रकाशित करना है।

विलुप्त होती भाषाओँ को एकत्र करना

इस प्रयास में इसमें कई ऐसी दुर्लभ भाषाएं शामिल हैं जो भारतीय जनसंख्या का केवल एक छोटा प्रतिशत है, जिसमें खासी, गारो, हो और यिमचंग्रे जैसी भाषाएं शामिल हैं। सामग्री की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न भाषाओं के विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है, और वेबसाइट में कई मल्टीमीडिया संसाधन जैसे कि- निर्देशात्मक वीडियो, प्रत्येक भाषा के आधार पर ऐतिहासिक तथ्यों और गहराई से किये गए शोध पत्र भी शामिल हैं।

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इसकी टीम ने एक निशुल्क एंड्रॉइड ऐप भी विकसित किया है ,जहां उपयोगकर्ता भारी पीडीएफ दस्तावेजों को नजरंदाज कर आसान भाषाओं और शब्दकोशों की खोज कर सकते हैं और जल्द ही यह ऐप देश की 100 से अधिक भाषाओं को जोड़ने में कामयाबी की ओर अग्रसर है।

एक मैगज़ीन के अनुसार सीआईआईएल के एक कंसलटेंट बेलुरु सुधासन ने बताया "भारतवाणी नए कामों को प्रकाशित नहीं कर रहा है बल्कि हम छोटी भाषाओं में उपलब्ध शब्दकोशों को डिजिटाइज़ करने में लगे हुए हैं, ताकि इसे एक व्यापक दर्शकों तक पहुंचाया जा सके।"

एक गंभीर चुनौती यह है कि गैर-अनुसूचित भाषा बोलने वाले समुदायों के बच्चों को स्कूलों से बाहर धकेल दिया जाता है, जिससे उनके विकास में अभाव आ जाता है। भारतवाणी इनके लिए इन्हीं की भाषाओँ में सामग्री जुटाकर पाठ्यक्रम तैयार करने में मदद कर रहा है।

आम लोगों के लिए भारतवाणी से क्या लाभ हैं

  • भारतवाणी, भारतीय भाषाओं/मातृभाषाओं को बृहद पैमाने पर उपलब्ध कराता है , जिसके परिणाम-स्वरूप युवा पीढ़ी अपनी सभी ऑनलाइन गतिविधियों यथा- ब्लागिंग, सोशल मीडिया और अध्ययन आदि के लिए मातृभाषा का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित होती है।
  • भारतवाणी, लुप्तप्राय भाषाओं,अल्पसंख्यक भाषाओं एवं जनजातीय भाषाओं/मातृभाषाओं को साइबर स्पेस में महत्वपूर्ण स्थान दिलाना चाहता है और इसके लिए प्रयासरत है।
  • भारतवाणी, भारत की लगभग सभी भाषाओं/मातृभाषाओं के साथ-साथ भारत के सभी समुदायों के साथ संपर्क स्थापित करने, दूर-दराज़ के क्षेत्रों तक पहुँचने और सांस्कृतिक जागरूकता और समझ को बढ़ावा देने का कार्य करता है।

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लक्ष्य क्या है

  • भाषा और साहित्य का प्रलेखन डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में
  • लिपि और उसका नामांकन तथा टाइपोग्राफी कोड निर्माण
  • शब्दकोशों और शब्दावलियों का निर्माण
  • मौखिक एवं लिखित साहित्य तथा ज्ञान ग्रंथों का आधुनिक और शास्त्रीय भाषाओं में अनुवाद
  • ऑनलाइन भाषा शिक्षण, अधिगम एवं भाषा शिक्षक हेतु प्रशिक्षण प्रदान करना, प्रमाणपत्र देना तथा सतत, व्यापक मूल्यांकन सहित ऑनलाइन भाषा परीक्षण और मूल्यांकन पर ध्यान देना।

भविष्य में भारतवाणी पोर्टल ऑनलाइन वर्गों में विस्तार की उम्मीद करता है, जहां विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा दुर्लभ और आम भाषाओं को पढ़ाया जा सकता है और वर्चुअल कीबोर्ड के लिए अनुसंधान और विकास से गुजर रहा है जहां उपयोगकर्ता सामग्री की खोज के लिए अपनी पसंद की किसी भी भाषा में टाइप कर कुछ भी ढूंढ सकते हैं।

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