मुंबई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से चले प्रवासी मजदूर, जाना था यूपी, पहुंच गए ओडिशा

यह मामला मुंबई से उत्तर प्रदेश के लिए चले प्रवासी मजदूरों के साथ सामने आया है। गोरखपुर जाने के लिए निकले ये मजदूर ट्रेन ड्राइवर की गलती से ओडिशा के राउरकेला पहुँच गए।

Update: 2020-05-24 06:43 GMT

अपने घरों की ओर लौट रहे प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला मुंबई से उत्तर प्रदेश के लिए चले प्रवासी मजदूरों के साथ सामने आया है। गोरखपुर जाने के लिए निकले ये मजदूर ट्रेन ड्राइवर की गलती से ओडिशा के राउरकेला पहुँच गए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने अपने ट्विटर पर मुसीबत में फँसे इन मजदूरों का वीडियो जारी करते हुए लिखा कि मुंबई से गोरखपुर जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन ओडिशा के राउरकेला पहुँच गयी क्योंकि ड्राइवर रास्ता भटक गया।

ट्विटर पर शेयर किये गए एक वीडियो में सफ़र कर रहे एक मजदूर ने बताया, "हम गोरखपुर के लिए निकले थे, मगर हम लोगों को ओडिशा में लाकर खड़ा कर दिया गया। ड्राइवर रास्ता ही भूल गया, हम लोग बहुत परेशानी में हैं। अब कैसे जायेंगे, कब पहुंचेंगे।"

सफ़र कर रहे एक और मजदूर ने कहा, "मुझे कानपुर जाना है मगर मैं गोरखपुर के लिए इस ट्रेन से सफ़र कर रहा हूँ, ये ट्रेन ओडिशा पहुँच गई, राउरकेला पहुँचने पर हमें पता चला, अब हम लोग कब गोरखपुर पहुंचेंगे, कुछ समझ नहीं आ रहा।"

ट्विटर पर ये वीडियो जारी होने के बाद से रेलवे मंत्रालय की खूब फजीहत उड़ाई जा रही है। हालाँकि इस पूरे मामले में रेलवे ने अपनी सफाई देते हुए बयान जारी किया है।


पश्चिमी रेलवे के मुख्य पीआरओ रविन्द्र भास्कर ने कहा, "अधिक ट्रेनें चलायी जाने की वजह से इन मार्गों पर अधिक भीड़ होती है। ऐसे में हमने ट्रेन को डाइवर्ट कर दूसरे रूट से ले जाने का फैसला किया था।"

वहीं रेलवे बोर्ड के चैयरमेन विनोद कुमार यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों के मार्ग पर ज्यादा ट्रेनें रहती हैं, इस वजह से हमने ट्रेन को डाइवर्ट किया, यह एक सामान्य प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि ट्रेन सभी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक जरूर पहुंचाएगी।

दूसरी ओर रेलवे के इस बयान के बाद इस मामले में ट्विटर पर एक व्यक्ति ने लिखा, "जब तक केवल कुछ ही ट्रेनों की अनुमति है, तब भारी ट्रैफिक कैसे हो सकता है, इस सरकार में एक आदर्श बन गया है और इसके अधिकारी बिना किसी आधार के सिर्फ बयान देते हैं।"  

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