नयी दिल्ली। उत्तराखंड में किसानों के पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकार ने ग्रामीण विकास पलायन आयोग का गठन किया है, जो उनकी समस्याओं का हल निकालेगा।
नई दिल्ली में केंद्र सरकार के साथ एक बैठक में हिस्सा लेने आए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, पर्वतीय क्षेत्र से किसानों के पलायन को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना का भी शुभारम्भ किया है जिसके तहत राज्य के किसानों को दो फीसदी ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रदेश में अब तक किसानों को 600 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया जा चुका है।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों से होने वाले किसानों के पलायन को रोकने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए ग्रामीण विकास पलायन आयोग का गठन किया है जो जल्दी ही अपनी अनुसंशा राज्य सरकार को देगा और उसके आधार पर किसानों के मदद की दिशा में काम शुरू किया जाएगा।
वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर गौर करें तो ढाई लाख से अधिक घरों में ताले लटके हुए हैं। 17 साल में तीन हजार से अधिक गांव खाली हो चुके हैं। यही नहीं, पलायन के चलते जहां गांव खाली हुए हैं, वहीं शहरी क्षेत्रों पर जनसंख्या का दबाव बढ़ा है।
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एक सवाल के जवाब में रावत ने कहा, उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वहां की खेती बिखरी हुई है। इस कारण कई बार फसल की लागत भी नहीं निकल पाती है। बिखरी हुई खेती से आ रही परेशानियों से निजात दिलाने के लिए क्लस्टर आधारित खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इनपुट भाषा
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