नए साल पर आपको क्या सौगात मिलने वाली है, जानें यहां 

Update: 2017-12-30 17:12 GMT
2018 के लिए योजनाएं व नियम

2017 की शुरुआत नोटबंदी की आपाधापी में हुई और साल का अंत जीएसटी की आपाधापी में बीता। कुछ कड़वी और कुछ मीठी यादों के साथ साल 2017 विदा लेने वाला है। चाहे राजनीतिक घटनाक्रम हो या वैश्विक हर मामले में यह साल कई मायनों में अलग रहा। इस साल कई अहम राजनीतिक बदलाव हुए। कुछ बदलाव ऐसे हैं, जो प्रत्यक्ष दिखते हैं। कई महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय भी लिए गए जैसे जीएसटी। क्रिकेट जगत की बात करें तो भारत ने इस साल सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैच जीते हैं।

वैश्विक स्तर की चर्चा करें तो साल 2017 में भारत-अमेरिका संबंध नई ऊंचाईयों पर पहुंचे। इसके अलावा कई विवाद भी थे जिन्होंने देश को झकझोर दिया। इनमें तीन तलाक विवाद, अयोध्या विवाद, दार्जिलिंग विवाद, रोहिंग्या विवाद, पद्मावती विवाद, डोकलाम विवाद, टेरर फंडिंग विवाद, जयललिता की मौत पर विवाद शामिल हैं। आइये देखते हैं 2018 से लागू होने वाले नियमों को-

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प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र

ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए केंद्र सरकार ने देश के 115 अति पिछड़े जिलों में प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र को मंजूरी दी है।इन केंद्रों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को केंद्र सरकार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी, ट्रेनिंग और सामुदायिक भागीदारी के ज़रिए क्षमता विकास पर ज़ोर दिया जाएगा। दूरदराज के इलाकों में जागरूकता फैलाने के लिए लगभग 3 लाख छात्रों की मदद ली जाएगी । शुरुआत उन ज़िलों से होगी जहां शिशु लिंगानुपात दर काफी कम है।

सहज बिजली योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2017 को 'सहज बिजली हर घर योजना' या 'सौभाग्य योजना' की घोषणा की। यह योजना प्रत्येक घर को बिजली उपलब्ध कराएगी। इस योजना के तहत सरकार चार करोड़ ग्रामीण परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देगी, ताकि गरीबों के घरों में भी बिजली की रोशनी उपलब्ध हो सके। इस योजना का लक्ष्य 31 मार्च, 2019 तक देश के सभी घरों को बिजली कनेक्शन मुहैया कराना है।

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एसबीआई ने बदले नियम

नए साल यानि 1 जनवरी 2018 से एसबीआई की सहयोगी शाखाओं की पुराने चेक अमान्य हो जाएंगे। एसबीआई ने अपनी कुछ सहयोगी शाखाओं के आईएफएससी कोड भी बदल दिये हैं। यदि आपका भी खाता एसबीआई की सहयोगी ब्रांच में है तो 31 दिसंबर से पहले चेक बुक बदलवा लें वरना आपको लेन-देन में परेशानी हो सकती है। ये बैंक हैं-स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, भारतीय महिला बैंक, स्टेट बैंक ऑफ रायपुर।

परीक्षाओं में आधार कार्ड अनिवार्य

विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं व प्रवेश परीक्षाओं में आधार कार्ड को अनिवार्य करने का निर्णय किया गया। आदेश दिया गया कि छात्र-छात्राओं को प्रवेश पत्र के साथ आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा। इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) मेन 2018, में आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है। इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) मेन 2018 में इस बार आधार कार्डके बिना ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा यूजीसी नेट के लिए भी आधार कार्ड को अनिवार्य किया गया है।

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खाद पर सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में जाएगी

खाद या यूरिया पर सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी अब सीधे किसानों के खातों में जमा की जाएगी। केंद्र के साथ मिलकर राज्य सरकारों ने इसके लिए जरूरी तैयारियां कर ली हैं। एक जनवरी 2018 से देश भर में इस योजना को लागू किया जाएगा। साथ ही यूरिया लेने के लिए किसानों को आधार कार्ड दिखाना भी जरूरी होगा। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए किसानों की जमीन, उनके बैंक खाते और उनकी खाद की आवश्यकता जैसी चीजों के ब्यौरे उनके आधार के साथ जोड़ने का काम भी जारी है।

जनवरी से रेलवे कर्मचारियों की लगेगी बायोमेट्रिक से अटेंडेंस

जनवरी से सभी रेल कर्मचारियों का अटेंडेंस बायोमेट्रिक सिस्टम से लगेगा। आधार पर आधारित यह सिस्टम पूरे देश में लागू होगा। रेलवे ने इसकी तैयारियां कर ली हैं। काफी लंबे समय से इस बात की चर्चा थी कि रेलवे कर्मचारियों का अटेंडेस बायोमेट्रिक प्रणाली से होगा। बता दें कि इस सिस्टम के तहत सभी कर्मचारियों को एक आईडी कार्ड दिया जाएगा, जिसमें उसका पूरा विवरण दर्ज होगा। बायोमेट्रिक मशीन के सामने कार्ड दिखाने या स्वाइप करने से उसका अटेंडेंस बन जाएगा। कुछ मशीनों में कर्मचारियों को अंगूठा भी लगाना पड़ सकता है। इसी अटेंडेंस के आधार पर इनकी सैलरी बनेगी।

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मातृ वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को मिलेंगे 5 हज़ार रूपए

पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को सरकार पांच हजार रुपये की सौगात देगी। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत यह राशि तीन किस्तों में महिला के खाते में पहुंचेगी। संबंधित रकम गर्भवती या दूध पिलाने वाली महिला के खाते में सीधे तौर पर जमा होगी। वहीं केंद्र/प्रदेश सरकार की रेगुलर मुलाजिम महिलाएं और वो महिलाएं जो केंद्र प्रदेश सरकार के किसी भी दायरे में काम करते हुए पहले ही इस सेवा का लाभ ले रही हैं, इस स्कीम का लाभ नहीं ले सकेंगी। इसके अलावा जो महिला 01-01-2017 को गर्भवती थी या इसके बाद गर्भवती होने वाली महिलाओं को स्कीम की सभी योग्यताओं शर्तों की पूर्ति करने पर ही लाभ दिया जाएगा।

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