लखनऊ। इस साल के अहम मुद्दों में शामिल तीन तलाक पर मंगलवार को फैसला आ सकता है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय खंडपीठ मंगलवार सुबह दस बजे के करीब अपना फैसला सुना सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है।
तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में 11 से 18 मई को नियमित सुनवाई हुई थी। इस दौरान मुस्लिम समुदाय में चल रही तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाओं को बहस में शामिल किया गया था।
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इससे पहले अप्रैल में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अकील जमील की उस याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया था जिसमें उसकी पत्नी ने अकील के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की थी। उसने अपने पति अकील पर दहेज के लिए मारपीट करने और जब मांगें पूरी ना होने पर तीन तलाक देने के चलते केस दर्ज किया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तीन तलाक को एकतरफा और कानून के अनुरूप नहीं बताया था।
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एआईएमपीएलबी ने दिया था महिलाओं को तीन तलाक से निकलने का विकल्प
इसके बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने 18 मई को सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने फैसला किया है कि वह काजियों के लिए एक दिशा-निर्देश जारी करेगा, जिसमें वे मुस्लिम महिलाओं द्वारा निकाह के लिए अपनी मंजूरी प्रदान करने से पहले उन्हें तीन तलाक प्रथा से बाहर निकलने का विकल्प प्रदान करेंगे।
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ऑल इंण्डिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने हलाला को कुप्रथा का नाम दिया था। उन्होंने कहा था, ‘हलाला जैसी कुप्रथाएं इतनी जल्दी खत्म नहीं होंगी, हलाला के नाम पर जाने कितनी महिलाओं की ज़िंदगी बर्बाद हो गई। हलाला कराने में अगर कोई महिला गर्भवती हो गई तो वह किसकी संतान होगी? कौन जिम्मेदार होगा? हलाला करने वाले आदमी ने तलाक नहीं दिया तो क्या करेगी महिलाएं? कुरान में कहा गया है कि हलाला की नीयत से किया गया निकाह हराम है।’