ट्रेन और बस से मजदूर पहुँच रहे अपने घर, सरकार को बोल रहे – 'थैंक यू'

लॉकडाउन में पिछले 38 दिनों से दूसरे राज्यों में फँसे मजदूर अब ट्रेन और बसों के जरिये अपने घर लौटना शुरू हो चुके हैं।

Update: 2020-05-02 10:06 GMT
तेलंगाना से झारखण्ड के हटिया स्टेशन पहुंचे मजदूरों का फूलों से किया गया स्वागत । फोटो साभार : ट्विटर

लॉकडाउन में पिछले 38 दिनों से दूसरे राज्यों में फँसे मजदूर अब ट्रेन और बसों के जरिये अपने घर लौटना शुरू हो चुके हैं। घर वापसी पर ये मजदूर काफी खुश हैं और सरकार को 'थैंक यू' कह रहे हैं।

राज्य सरकारों की ओर से प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए केंद्र सरकार से ट्रेन चलाने की अनुमति मिलने के बाद अब बड़ी संख्या में मजदूर अपने घरों की ओर लौट पा रहे हैं।

सबसे पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन तेलंगाना से झारखण्ड की ओर चलाई गई और तेलंगाना में फँसे 1225 मजदूर अपने राज्य झारखण्ड पहुंचे। इस मौके पर झारखण्ड सरकार ने रांची के हटिया स्टेशन में मजदूरों का फूल माला से स्वागत किया। 

झारखण्ड में पलामू पहुंचे एक और मजदूर राजेन्द्र राम ने कहा, "हम लोग अच्छे से पहुँच गए, मैं सिकंदराबाद से आ रहा हूँ, जिला प्रशासन ने सब अच्छे से व्यवस्था की, बहुत अच्छे से पहुँच गए, आपका धन्यवाद।"

वहीं इस ट्रेन से झारखण्ड पहुंचे एक युवा मजदूर कहते हैं, "घर आकर बहुत संतुष्टि मिल रहा है, लग नहीं लग रहा था कि घर जा पाएंगे, हम झारखण्ड सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं कि हम घर आ गए, अब अपने मम्मी-पापा सबसे मिल पाएंगे।" 

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लॉकडाउन में और राज्यों से भी मजदूर अब अपने घर लौटना शुरू हो चुके हैं। रेल मंत्रालय ने एक मई को बताया कि अब तक हटिया से लिंगमपल्ली, अलुवा से भुवनेश्वर, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना और कोटा से हटिया तक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलायी गयी हैं। राज्यों के अनुरोध पर फँसे श्रमिकों, छात्रों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए और ट्रेन चलायी जायेंगी।

इसी कड़ी में महाराष्ट्र के नाशिक रेलवे स्टेशन से 347 प्रवासी मजदूरों को लेकर ट्रेन मध्य प्रदेश के भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंची। यहाँ एसडीएम ने बताया, "सभी यात्रियों को स्वास्थ्य जांच के बाद फिट घोषित किया गया है। वे अब अपने संबंधित जिलों में जा रहे हैं, जहाँ वे फिर से स्वास्थ्य जांच करवाएँगे।"

वहीं नाशिक से एक और ट्रेन उत्तर प्रदेश में लखनऊ की ओर रवाना की गयी। इस ट्रेन से 839 प्रवासी मजदूर अपने राज्य लौट सके। वहीं झारखण्ड के हटिया से केरल के लिंगमपल्ली रेलवे स्टेशन के लिए करीब 1200 प्रवासी मजदूरों को लेकर ट्रेन रवाना हो चुकी है।

रेल मंत्रालय से मिली गाइडलाइन्स को लेकर रेलवे अधिकारी प्रवासियों के बीच सोशल डिसटन्सिंग का पूरा ख्याल रखने का प्रयास कर रहे हैं। इसकी झलक रेलवे स्टेशनों पर दिखाई दी जहाँ प्लेटफार्म में गोले बनाकर यात्रियों को एक-एक करके आगे बढ़ने की अनुमति दी गयी। 

इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से राज्य में लोगों को वापस लाने के लिए विभिन्न मार्गों पर 12 विशेष ट्रेनें चलाने का अनुरोध किया है। ऐसे में लॉकडाउन में फँसे प्रवासियों के घर वापसी को लेकर सरकार की ओर से बड़ी राहत मिल सकी है।  

वहीं बसों के जरिये भी प्रवासी मजदूर अपने घर वापसी कर रहे हैं। कर्नाटक में बंगलुरु के केम्पेगौड़ा बस स्टेशन में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर एकत्र हुए। यहाँ केएसआरटीसी के केंद्रीय यातायात प्रबंधक ने बताया, "आज हम बस स्टेशन पर आने वाले प्रवासी मजदूरों के आधार पर लगभग 100 बसों का संचालन करने की योजना बना रहे हैं। हमारी बस यात्री क्षमता 55 है लेकिन हम 30 यात्रियों के साथ स्वास्थ्य जांच के बाद ही काम कर रहे हैं।" 

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