मजदूरी कर 65 साल की महिला ने बनवाया शौचालय, ग्रामीणों को करती हैं जागरूक

केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्ति का अभियान प्रत्येक गांव में चलाया जा रहा है। जब इस अभियान के बारे में प्रमिला देवी को पता चला तो ये इससे बहुत प्रभावित हुईं। इसका असर यह हुआ कि प्रमिला ने बिना सरकारी मदद का इंतजार किए बिना ही बेटी से कुछ रुपए उधार और मजदूरी से पैसे कमा अपने घर में शौचालय बनवा लिया

Update: 2018-12-14 09:06 GMT

लखीमपुर खीरी। स्वच्छता अभियान पर केंद्र का पूरा फोकस है, लेकिन कोई बुजुर्ग महिला इस अभियान से जुड़ जाए, तो आपको जरूर आश्चर्य होगा। जनपद की एक बुजुर्ग महिला ने मजदूरी कर घर में शौचालय का निर्माण कर एक मिसाल पेश की है।

ब्लॉक बांकेगंज के ग्राम बनबुधेली की रहने वाली प्रमिला देवी ( 65 वर्ष) के तीन लड़के और दो लड़कियां है। तीनों बेटे बाहर काम करते हैं बेटियों की शादी हो चुकी है। घर में प्रमिला देवी अकेले रहती हैं। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण घर में कुछ समय पहले तक शौचालय नहीं था।

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स्वच्छाग्रही सर्वेश ने बताया, केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्ति का अभियान प्रत्येक गांव में चलाया जा रहा है। जब इस अभियान के बारे में प्रमिला देवी को पता चला तो ये इससे बहुत प्रभावित हुईं। इसका असर यह हुआ कि प्रमिला ने बिना सरकारी मदद का इंतजार किए बिना ही बेटी से कुछ रुपए उधार लेकर अपने घर में शौचालय बनवा लिया।"

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प्रमिला देवी ने बताया," मेरे घर में कुछ माह पहले तक शौचालय नहीं था। मैं खुले में ही शौच जाती थी। एक दिन स्वच्छाग्रही सर्वेश गांव आए और साफ-सफाई के बारे में बताने लगे। सर्वेश की एक बात मुझे बहुत पसंद आई। खुले शौच जाने में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। यह बात बस एक महिला ही समझ सकती है। तभी मैंने ठान लिया था कि सबसे पहले अपने घर का शौचालय बनाउंगी फिर दूसरे लोगों को जागरुक करुंगी। "


उन्होंने आगे बताया, " मैं मनरेगा में मजदूरी करती हूं। मेरे तीनों बेटे बाहर रहते हैं। पति का देहांत हो गया है। ऐसे में मेरे सामने शौचालय निर्माण में काफी परेशानी होने लगी। मैंने मनरेगा में मजदूरी करके और कुछ रुपए अपनी बेटी से उधार मांग कर अपने घर में दो गड्ढों वाले शौचालय का निर्माण कराया।"

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प्रमिला देवी गांव की निगरानी समिति की सदस्य हैं। सुबह शाम गांव के लोगों को खुले में शौच न जाने के लिए जागरूक करती हैं। सर्वेश प्रसन्नता जताते हुए कहते हैं, " प्रमिला ने एक अच्छा संदेश दिया है कि जज्बा हो तो कोई काम मुश्किल नहीं है। प्रमिला को देखकर गांव के कई लोगों ने अपने घर में शौचालय बनवा लिया है। "

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