गाँव को शौच मुक्त कराने में जुटा युवक, खुले में शौच न जाने का लिया संकल्प

युवक को जब पता चला कि खुले में शौच जाने से तमाम बीमारियां होती हैं, तो वह अपने खराब शौचालय को ठीक कराकर उसका प्रयोग करने लगा

Update: 2018-12-26 12:50 GMT

सीतापुर। " मेरे घर का शौचालय काफी समय से बंद पड़ा था। घर के सभी लोग खुले में शौच के लिए जाते थे। लेकिन जब मुझे खुले में शौच जाने से होने वाली बीमारियों के बारे में पता चला तो मैंने अपने खराब शौचालय को ठीक कराकर उसका प्रयोग करने लगा।" ये कहना है विकास खंड कसमंडा के गांव रेंगामऊ निवासी देवी का। देवी अपने गांव के अन्य लोगों को भी शौचालय के प्रयोग के लिए प्रेरित करते हैं।

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कसमंडा विकास खंड के के राजस्व गाँव रेंगामऊ का देवी पुत्र हिमाचल गांव में प्रत्येक घर तक स्वच्छता की रोशनी बिखेर रहा है। खुद के बेकार पड़े शौचालय का मरम्मतीकरण कराकर गांव के लिए उदाहरण बन गया है। समुदाय संचालित संपूर्ण स्वच्छता टीम का हिस्सा बनकर गांव को खुले में शौच मुक्त कराने में जुटे हैं।

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देवी ने बताया, " घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि नया शौचालय बनवाया जा सके। सरकार द्वारा गांव में शौचालय बनाने वाली सूची में मेरा भी नाम था। लेकिन जब मुझे पता चला कि खुले में शैाच जाने से तमाम बीमारियां होती हैं। इसके साथ ही परिवार की महिलाओं को घर के बाहर शौच जाने में काफी शर्मिंदगी महसूस होती थी।

हमेशा असुरक्षा भी होती थी। तभी मैंने संकल्प लिया कि अब कभी खुले में शौच नहीं जाउंगा और न घर के सदस्यों को जाने दूंगा। मैंने सरकारी मदद का इंतजार किए बिना ही बेकार पड़े शौचालय को खुद ठीक किया। अब मैं और मेरे परिवार के सभी सदस्य इसका प्रयोग कर रहे हैं। "

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देवी ने आगे बताया, " मैं गाँव के अन्य लोगों को जल्द से जल्द शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित कर रहा हूं। सुबह-शाम लोगों को खुले में शौच जाने से रोकता हूं। मैं लोगों से यह भी कहता हूं कि शौचालय में सौंदर्यीकरण टाइल्स लगवाना बहुत आवश्यक नहीं है, लेकिन शौचालय निर्माण अति आवश्यक है। अगर हमें गांव में सुख-समृद्धि चाहिए तो अपने गांव को खुले में शौच मुक्त अतिशीघ्र बनाना होगा। ओडीएफ टीम की कड़ी मेहनत एवं समाजसेवी भाव तथा उत्कृष्ट कार्यकर्ताओं की मेहनत से वह दिन दूर नहीं है जब रेंगामऊ गांव समेत पूरा कसमंडा विकास खंड ओडीएफ की रोशनी से रोशन होगा।" 

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