दिल्ली और हरियाणा की तरह अब से UP पुलिस की गाड़ियों पर भी नहीं दिखेगी नीली बत्ती

Update: 2017-10-26 10:51 GMT
साभार: इंटरनेट 

लखनऊ। दिल्ली और हरियाण के तर्ज पर अब यूपी पुलिस की गाड़ियों पर भी नीली बत्तियां नहीं मिलेंगी। डीजीपी सुलखान सिंह ने सभी जिले के एसपी, एसएसपी, डीआईजी, एडीजी को लेटर जारी कर बत्तियां हटाने के निर्देश दिया है। इसकी जगह बहुरंगी बत्तियों (फ्लेसर लाइट) को लगाने का निर्देश दिया है। डीजीपी के निर्देश के बाद पुलिस की गाड़ियों पर लगी बत्तियां अवैध मानी जाएगी।

सिर्फ यही वाहन प्रयोग कर सकते हैं फ्लेसर लाइट को-

  • इसमें पुलिस सम्बंधित एस्कॉट की गाड़ियां, कंट्रोल रूम के वाहन, यूपी 100 की गाड़ियां और अन्य इमरजेंसी वाहन, फायर ब्रिगेड वाहन सहित एसडीआरएफ के वाहन शामिल किए गए हैं।
  • गजटेड पुलिस अफसरों के वाहनों के पहले 300 मिली की लंबी बहुरंगी बत्तियों को मानक के अनुरूप लगाया जाएगा।
  • वहीं, नॉन गजटेड पुलिस अफसरों, यूपी 100 के वाहन और अन्य आपात वाहनों में 1200 मिली मीटर की लंबी बहुरंगी लाइट का प्रयोग किया जाएगा।

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इससे पहले मंत्री-अफसर समेत हर तरह की वीआईपी गाड़ियों पर हुई थी बैन

  • यूपी विधानसभा 2017 इलेक्शन के दौरान मंत्री-अफसर समेत हर तरह के वीआईपी की गाड़ियों पर लाल, पीली और नीली बत्ती का इस्तेमाल 6 मार्च से बंद कर दिया गया था।
  • किसी भी गाड़ी पर बत्ती लगी मिलने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 3000 रुपए फाइन भी लगाया गया।

सबसे पहले 2013 में बैन लगा था

  • लाल बत्ती पर बैन सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने 2013 में दिल्ली में सरकार बनने के बाद लगाया। 2015 में वह दोबारा सत्ता में आई तब भी नियम जारी रहा।
  • दूसरी तरफ इसी साल पंजाब में भी लाल बत्ती को बैन कर दिया था।

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