अवैध खनन में सहायक भू-वैज्ञानिक सहित आठ पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया 

Update: 2017-07-02 20:37 GMT
प्रतीकात्मक फ़ोटो 

लखनऊ। कौशांबी जिले के जिला मजिस्ट्रेट के अधीन एक सहायक भू-वैज्ञानिक सहित आठ अन्य के खिलाफ सीबीआई ने 2015 और 2016 में जिले में अवैध खनन करने के आरोप में रविवार को मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीबीआई ने पिछले साल जुलाई में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की दिशा-निर्देश के बाद अवैध खनन की जांच शुरू की थी। प्रारंभिक जांच शुरू करने के बाद यह सभी लोग सीबीआई की जांच में दोषी पाएं गए।

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अमर सिंह नाम के एक शख्स ने अप्रैल 2016 में हाईकोर्ट के सामने पीआईएल दायर की थी , बगैर खनन-पट्टे के सैकड़ों ट्रकों को कौशांबी से रेत कटान कर करोड़ों रुपए का सरकारी कोष को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। साथ ही कुछ ठेकेदार रेत के खुदाई के लिए जेसीबी मशीनों का भी उपयोग कर रहे थे। गंगा और यमुना दोनों इलाहाबाद के आगे कई जिलों से होकर बहती है, इसका ही फायदा उठाकर खनन माफिया अवैध खनन करते हैं। जबकि उच्च न्यायालय ने तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट को आरोपों की जांच के लिए निर्देश दिया था।

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अदालत ने केंद्रीय एजेंसी सीबीआई को मामले की जांच का जिम्मा दिया था। आरोपों की जांच करते हुए सीबीआई ने पाया कि, तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट के तहत सहायक भू-वैज्ञानिक के रूप में तैनात अरविंद कुमार कुछ लोगों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र में शामिल हैं, जो अवैध खनन से मिलने वाले रुपए में हिस्सेदार हैं। अरविंद के अलावा अवैध खनन प्रक्रिया के साथ जुड़े अमित यादव, जेपी पांडेय, अनिल यादव, राशिद अजीज ऊर्फ राणा, मोहम्मद रिजवान, नरिंदर पाल सिंह, बलजीत सिंह, हरबीर सिंह उर्फ काका और अन्य अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं। सीबीआई कौशांबी के अलावा शामली, फतेहपुर, हमीरपुर, सिद्धार्थनगर और देवरिया जिलों में अवैध खनन के आरोपों की जांच कर रही है।

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