स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
पीलीभीत। लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, बाढ़ खंड विभाग, वन विभाग, लघु सिंचाई विभाग और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के द्वारा पैसे के भुगतान में अब चेक का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। नई व्यवस्था के अंतर्गत सभी भुगतान डीडीओ पोर्टल के माध्यम से बिल बनाकर कोषागार में प्रस्तुत करने होंगे। इसके बाद कोषागार से ऑनलाइन ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान किए जाएंगे।
इसी प्रकार जिले के जिन आहरण-वितरण अधिकारियों कार्यालयाध्यक्षों के द्वारा पीएलए खाते संचालित किए जाते हैं। उनका भुगतान भी चेक के स्थान पर अब नई प्रक्रिया के माध्यम से ही किया जाएगा।
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यह जानकारी जिलाधिकारी शीतल वर्मा ने दी। इस संबंध में उन्होंने बताया, "ठेकेदारों को पैसे का भुगतान अब नई ऑनलाइन व्यवस्था ई-पेमेंट के माध्यम से किया जाएगा। इस बाबत सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। एक अक्टूबर से यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ई-पेमेंट व्यवस्था लागू होने से ठेकेदारों को होने वाले भुगतान में पारदर्शिता आएगी और उनका भुगतान समय पर हो सकेगा।"
इस बारे में जब जिले में बरखेड़ा कस्बे के ठेकेदार राम नरेश वर्मा का कहना है, "अब तक पेमेंट में लेटलतीफी के चलते ठेकेदारों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। लेकिन अब ई-पेमेंट व्यवस्था लागू होने से पैसे का भुगतान समय पर हो सकेगा। तथा उनमें कमीशनखोरी भी नहीं हो पाएगी।"
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वहीं गाँव बरहा निवासी ठेकेदार महेंद्र पाल गिहार से का कहना है, "ई-पेमेंट व्यवस्था काफी सरल तथा सुविधाजनक व्यवस्था है। इसमें अब ऑनलाइन पेमेंट मिल पाएगा। यह प्रणाली ठेकेदारों को होने वाली कमीशनखोरी से बचाएगी तथा समय से उनको पैसे का भुगतान भी प्राप्त करवाएगी।"
वहीं शारदा सागर बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता दिलीप कुमार का कहना है, "अब बाढ़ खंड विभाग में ई-पेमेंट व्यवस्था लागू होने से अधिकारियों व कर्मचारियों में खुशी व्याप्त है। इसमें ठेकेदारों को पैसे के भुगतान में होने वाली लेटलतीफी से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही ई-पेमेंट के माध्यम से उनके भुगतान में पारदर्शिता आएगी। ई-पेमेंट के माध्यम से ठेकेदारों के भुगतान में कमीशन खोरी की प्रवृत्ति भी कम होगी।"