दिव्यांग बच्चों ने पेश की मिसाल : एक को आता है 100 तक का पहाड़ा, दूसरा पैरों से बनाता है पेंटिंग

Update: 2017-11-12 12:23 GMT
पैर से लिखता दीपक कुमार

रायबरेली। अक्सर देखा गया है, लोग 12वीं कक्षा पास करने के बाद भी 20 तक का पहाड़ा ठीक से नहीं याद कर पाते हैं, लेकिन रायबरेली जिले के दीपक यादव (13 वर्ष) को कक्षा- नौ में ही 100 तक का पहाड़ा मुंहज़बानी याद है। दीपक सौ प्रतिशत दृष्टिबाधित है, लेकिन पढ़ाई की लगन और टीचर बनने की इच्छा उसे अपनी इस कमज़ोरी का कभी एहसास नहीं होने दिया।

दीपक की तरह ही रायबरेली जिले के सदर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बरखापुर गाँव के रहने वाले जितेंद्र कुमार ( 16 वर्ष) को सेरेब्रल पल्सी (प्रमस्तिष्क घात) नामक शारीरिक अक्षमता है। इस अक्षमता से जितेंद्र के हाथों की मांसपेशियां खिंच गई और उसके दोनों हाथ खराब हो गएं, लेकिन जितेंद्र की पेंटिंग करने की आदत कभी खत्म नहीं हुई।

रायबरेली जिले के डीह ब्लॉक के पीढ़ी गाँव के रहने दीपक बहुत ही गरीब परिवार से हैं। शारीरिक अक्षमता को लेकर आए दिन पिता के ताने सुनने के बाद भी उसकी पढ़ने की लगन कम नहीं हुई। दीपक को उसकी मां और टीचर ने आगे पढ़ाई जारी रखने में काफी मदद की। मुस्कुराते हुए दीपक ने बताया, ‘’मुझसे एक से लेकर 100 तक किसी भी गिनती का पहाड़ा सुन लीजिए। बिना रुके सुना दूंगा।’’

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, उत्तर प्रदेश की रिपोर्ट बताती है कि हमारे देश में ज़्यादातर दिव्यांग बच्चे पांचवीं से आठवीं के दौरान पढ़ाई छोड़ देते हैं। क्योंकि वो शारिरिक दिक्कतों के चलते मन से टूट जाते हैं, शायद इसलिए क्योंकि उन्हें अपना आने वाला कल मुश्किल लगता है, वो खुद को समाज की मुख्यधारा से नहीं जोड़ पाते हैं। दीपक को देखकर आज भी उसके गाँव के लोग हंसी-मज़ाक करते हैं, लेकिन दीपक उनकी बातों को हंस कर टाल जाता है। दीपक गाँव के प्राथमिक विद्यालय में चलने वाली समेकित शिक्षा की नौवीं कक्षा में पढ़ता है। दीपक की कक्षा में सामान्य बच्चे भी पढ़ते हैं,लेकिन दीपक हर बार कक्षा में अव्वल आता है। दीपक की पढ़ाई की लगन और उसकी मेहनत को देखते हुए रायबरेली समेकित शिक्षा विभाग उसके हुनर को जिलाधिकारी संजय खत्री के सामने लाया है। डीएम ने मदद का वादा किया है।

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दीपक गणित में माहिर

दीपक को पढ़ा रहे उसके शिक्षक ब्रजेश सिंह बताते हैं,’’ दीपक गणित में माहिर है। चाहे कोई भी बड़ी से बड़ी संख्या को जोड़कर उसके हल के बारे में पूछा जाए, तो वह बहुत ही सरलता से उसका जवाब दे देता है। खाली समय मैं दीपक को फोन पर भी पढ़ाता हूं।’’ दीपक की तरह ही रायबरेली जिले के सदर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बरखापुर गाँव के रहने वाले जितेंद्र कुमार ( 16 वर्ष) को सेरेब्रल पल्सी (प्रमस्तिष्क घात) नामक शारीरिक अक्षमता है। इस अक्षमता से जितेंद्र के हाथों की मांसपेशियां खिंच गई और उसके दोनों हाथ खराब हो गएं, लेकिन जितेंद्र की पेंटिंग करने की आदत कभी खत्म नहीं हुई।

जितेंद्र बरखापुर के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई करता है। चाह सादे पन्ने पर सुंदर का चित्र बनाना हो या फिर कॉपी पर अपना होमवर्क करना हो जितेंद्र सारा काम अपने पैरों से करता है। उसकी बनाई हुई पेंटिंग को देख उसके टीचर भी हैरान रह जाते हैं।

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