अगर आप लखनऊ में करने जा रहे हैं धरना-प्रदर्शन, तो ये खबर ध्यान से पढ़ लीजिए 

Update: 2018-04-12 12:33 GMT
कई जगह पर नहीं कर पाएंगे प्रदर्शन

अगर आप लखनऊ में धरना प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं या उसमें शामिल होने जा रहे हैं तो ये आपके काम की खबर है। राजधानी में आए दिन होने वाले धरना प्रदर्शनों के कारण जनता को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए आयुक्त लखनऊ मण्डल की अध्यक्षता में गठित समिति ने धरना प्रदर्शन के नए नियम बनाए हैं।

जिस धरना प्रदर्शन में कम लोग (लगभग 300 तक) शामिल होंगे, जो क्रमिक न हो तथा जिसमें प्रतिभागी वाहन न लायें, उनके लिये वर्तमान लक्ष्मण मेला स्थल को धरना स्थल के रूप में प्रयोग किया जाए।

यदि एक से अधिक धरना प्रदर्शन किसी दिन में आयोजित होते हैं, तो प्रथम आवत, प्रथम पावत के आधार पर उनको धरना-प्रदर्शन की अनुमति जारी की जाये। 300 से ऊपर के प्रतिभागियों के धरना-प्रदर्शन स्थल के लिए कांशी राम जनसुविधा परिसर एवं पार्किंग स्थल को धरना स्थल के रूप में प्रयोग किया जाए।

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यहां पर नहीं कर पाएंगे धरना प्रदर्शन

विधानसभा मार्ग, हजरतगंज चौराहा, सचिवालय, राजभवन, वीवीआईपी अतिथि गृह, कालीदास मार्ग, पार्क रोड, महात्मा गांधी मार्ग तथा उच्च न्यायालय गेस्ट आदि पूरे क्षेत्र को सभी प्रकार के प्रदर्शन के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इस प्रतिबंध का कड़ाई से पालन किया जायेगा। धरना स्थल चिन्हित होने के बाद भी यदि कोई इस क्षेत्र में एकत्र होता है, तो उस संगठन के पदाधिकारियों/आयोजकों पर विधिक कार्यवाही की जायेगी।

विधानसभा का घेराव करते किसान संगठन

राजमार्गो और प्रमुख मार्गों को भी धरना प्रदर्शन के लिये प्रतिबंधित किया गया है। वहां पर कोई भी धरना प्रदर्शन होने पर सम्बन्धित संगठन के पदाधिकारियों व उसमें शामिल व्यक्तियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जायेगी। यदि किसी प्रदर्शनकारी द्वारा तोड़फोड़ की जाती है और सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार कार्यवाही करते हुए उनसे क्षतिपूर्ति की धनराशि वसूल की जाएगी ।

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इन धरनास्थल के अतिरिक्त प्रदर्शनकारी शहर के बीच और हाईवे पर अपना कार्यक्रम करते है जिससे, आमजन, वृद्ध, बीमार व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचने और स्कूल जाने वाले बच्चों को असुविधा होती है, तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए निम्नांकित कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैः-

जीपीओ पर धरना देती महिलाएं

  • पुलिस अधिकारी, आयोजक से मिलकर प्रदर्शन का रास्ता और ऐसी शर्त तय करें, जिससे प्रदर्शन शान्तिपूर्ण हो और आमजन को कोई असुविधा न हो। सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र, छुरी/लाठी सहित प्रदर्शन प्रतिबन्धित हों।

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  • आयोजक के द्वारा इस बात का बंधपत्र दिया जाये कि प्रदर्शन/धरना जिस स्थान पर करने की अनुमति प्रदान की जा रही है, उसी स्थान पर शान्तिपूर्वक धरना/प्रदर्शन होगा तथा इसके लिए आवश्यक स्थानों पर मार्शल/व्यवस्थापक नियुक्त किये जायेंगे।
  • पुलिस/प्रशासन द्वारा आयोजन की यथासम्भव रूप से वीडियोग्राफी सुनिश्चित करायी जाये। वीडियोग्राफर को अधिकारी अपने साथ भी रखें और उसे निर्देशित करें कि जो गड़बड़ी कर रहे हैं, उनकी वीडियोग्राफी तत्काल करें।
  • धरना/प्रदर्शन की संभावित भीड़ और आगणित परिस्थितयों के अनुरूप फोर्स के प्रकार एवं संख्या तथा विभिन्न उपकरणों, बल प्रयोग के विभिन्न विकल्पों पर भी समय रहते विचारण कर लिया जाये।
  • बिजली-पानी या अन्य स्थानीय मांगो के लेकर किये जा रहे रोड़जाम/प्रदर्शन को सम्बन्धित विभाग/अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित कर रोड़जाम/प्रदर्शन समाप्त कराया जाये।
  • जो भी अधिकारी मौके पर जाएं, उसकी व उसके अधीनस्थों की गाड़ियों में दंगा निरोधक उपकरण, लाउडहेलर, टियर गैस गन और रबर बुलेट इत्यादि अवश्य उपलब्ध रहे।
  • जहां तक सम्भव हो समझा-बुझाकर, विश्वास में लेकर लोगों को कानून उल्लंघन करने से रोका जाये। स्थानीय नेता, प्रभावशाली व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जाये।
  • बल प्रयोग से पूर्व प्रचुर चेतावनी दी जाये। बल प्रयोग उसी न्यूनतम सीमा एवं अवधि तक किया जाये जो कि उल्लंघनकर्ता को निष्क्रिय करने के लिए आवश्यक हो।

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