औरेया के इस गाँव की आधी आबादी जाती है खुले में शौच

Update: 2017-06-29 19:03 GMT
शौच के लिए जाते हैं सब लोग घर के बाहर, प्रधान नहीं देता ध्यान

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

औरैया। जिले के आला अधिकारी नवंबर माह के आखिरी तक जिले को ओडीएफ करना चाहते हैं, लेकिन अधीनस्थ लापरवाही बरत रहे हैं। बसंतपुर गाँव में पांच सौ की आबादी में आधे लोगों के पास शौचालय नहीं है। गाँव के ज्यादातर लोग शौच के लिए खेतों पर जाते हैं।

जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर बसंतपुर गाँव में 500 की आबादी है।ओडीएफ करने के जिले में टीम बनाकर बाहर शौंच जाने से रोका जा रहा है। टीमेंगांव-गांव जाकर बाहर शौच जाने से लोगों को रोक रही हैं। इस अभियान में सबसे बडा सवाल इस बात का है कि जब लोगों के पास शौचालय ही नहीं है तोशौच के लिए जाना उनकी मजबूरी है। आखिर सेके्रटरी और एडीओ पंचायत शौचालयों की तरफ ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं। शौचालय बनवाए जाने के लिएजिलाधिकारी कई बार बैठक कर सेके्रटरी, एडीओ और बीडीओ के साथ बैठक कर सख्त निर्देश दे चुके हैं। लेकिन अधीनस्थ ध्यान नहीं दे रहे हैं। आरोप हैप्रधान अपने चहेतों को शौचालय दिला रहे हैं।

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बसंतपुर निवासी शिवपाल सिंह (50वर्ष) का कहना है, “उनके पिता को भी गाँव में शौचालय नहीं मिला। हमें बहुत दिक्कत होती है।”

इसी गाँव के यमुना प्रसाद (48वर्ष) का कहना है, “गाँव के प्रधान एक तरफा काम करते हैं। वह अपने चहेतों को शौचालय दे रहे हैं, बाकी लोगों को छोड रहाहै। प्रधान के खिलाफ जिला स्तर से कार्रवाई होनी चाहिए।”

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बसंतपुर निवासी प्रधान राम कठेरिया (40वर्ष) का कहना है, “शौचालय के लिए डिमांड डीपीआरओ कार्यालय भेजी गई है। बजट न आने के कारण शौचालय नहीं बन सके हैं।”

डीपीआरओ केके अवस्थी का कहना है, “बेस लाइन सर्वे कंपलीट होने के बाद ही सभी को शौचालय मिलेंगे। जब तक सर्वे पूरा नहीं होता है शौचालय नहीं मिलेगा।”

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