लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लंबे समय से आईएएस वीक आयोजित होता आ रहा है। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री सभी आईएएस अधिकारियों को रात्रि भोज देते हैं, जिसमें शाकाहारी से लेकर मांसाहारी भोजन परोसा जाता है। लेकिन इस साल सूबे में आईएएस वीक में मांसाहार भोजन को दूर रखा गया है, जिसके पीछे वजह मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का महंत होना और उनका मांसाहार को बिल्कुल नपसंद करना है।
राजधानी लखनऊ में भारतीय प्रशासकीय सेवा सप्ताह समारोह के पहले दिन गुरुवार को दोपहर और रात के भोजन में मांसाहारी व्यंजन नहीं परोसे गए। एक जानकारी समारोह में शामिल एक बड़े अधिकारी ने दी है। अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि, यह बदलाव शाकाहार पसंद करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की "पसंद और नापसंद" को ध्यान में रखकर किया गया है। यह पहली बार हुआ है कि भारतीय प्रशासकीय सेवा सप्ताह समारोह में मछली,मटन और चिकन नहीं परोसा गया।
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मांसाहार के शौकीन अधिकारियों ने उम्मीद की थी कि, इससे पहले राज भवन में राज्यपाल राम नाईक द्वारा आयोजित 2016 आईएएस सप्ताह समारोह में अवध का मांसाहारी खाना परोसा गया था। हालांकि, इस बार नौकरशाहों को यह सब नसीब नहीं हुआ और उन्हें शाकाहार में पनीर, मशरूम खाकर संतोष करना पड़ा।
इससे पहले, उन सभी समारोह में मांसाहारी खाना परोसा गया, जहां सरकार या राज्य के प्रमुख मौजूद थे। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव या उनके पूर्ववर्तियों को मांसाहारी खाना पंसद था, जिसके चलते आईएएस वीक में दोनों तरह के भोजन का इंतजाम किया जाता था।
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आईएएस सप्ताह समारोह 2007 से 2012 के बीच सालाना आयोजित हुई, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इसे नियमित कार्यक्रम से अलग आयोजित कराया। इस सप्ताह समारोह को हर वर्ष बहुत धूमधाम से बनाया जाता है।
अखिलेश राज के दौरान आईएएस एकादश् और राजनेताओं के बीच हुए क्रिकेट मैचों को भी राष्ट्रीय मीडिया द्वारा कवर किया जाता था। लेकिन इस बार योगी राज ने यह सुनिश्चित किया है कि समारोह में केवल शाकाहारी खाना ही परोसा जाए। इस समारोह में इस साल शाही कोप्ता, दाल मखनी, पनीर टिक्का, फ्राइड राइस, हांडी पनीर, गुलाब जामुन और गाजर का हलवा परोसा गया है।