लखनऊ। कानपुर के जाजमऊ से बीते मंगलवार को एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन से प्रभावित आफताब और आसिफ इकबाल को गिरफ्तार कर बुधवार को लखनऊ जिला जज रामकुष्णा उपाध्याय के कोर्ट के सामने पेश किया, जहां कोर्ट ने दोनों ही आतंकियों को 24 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
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इससे पहले दोनों ही आतंकियों को कड़ी सुरक्षा में एनआईए की टीम गाज़ियाबाद से राजधानी लेकर आई थी। बताते दे कि, बीते 10 मार्च 2017 को ठाकुरगंज में एटीएस ने आतंकी मुठभेड़ में सैफुल्लाह को मार गिराया था, जहां से सैफुल्लाह के भाई आफताब का नाम सामने आया था। इस आधार पर ही एनआईए ने सक्रियता दिखाते हुए आफताब को गिरफ्तार कर लिया है।
कानपुर से गिरफ्तार आतंकियों को भेजा न्यायिक हिरासत में
एनआईए सत्रों की माने तो इस साल मार्च में जांच अधिकारियों ने शक के आधार पर कानपुर से मोहम्मद आरिफ नाम के शख्स को हिरासत में लिया था, लेकिन उसके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत न होने के चलते उसे छोड़ दिया गया था। जबकि आगे चल कर जांच में आरिफ की आतंकी गतिविधियों में सलिप्ता पाई गई, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं एनआईए की पूछताछ में आसिफ इकबाल ने बताया कि, 11 अक्टूबर 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी लखनऊ में दशहर पर ऐशबाग स्थित रामलीला मैदान पर आ रहे हैं। इस दौरान उसने रैली स्थल के पास एक बम लगाने की बात कबूल की है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने उसके प्रयासों को पहले ही नाकाम कर दिया था।
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ज्ञात है कि, बीते 7 मार्च को भोपाल-उज्जैन एक्सप्रेस में पाइप बम विस्फोट के बाद कानपुर स्थित कुछ युवाओं का आईएसआईएस मॉड्यूल का पर्दाफाश किया गया था। युवाओं के इस ग्रुप के मुख्य शूटर सैफुल्ला और उसके बाद काकोरी के हाजी कॉलोनी में एक किराए के घर में छिपे हुए थे और एटीएस कमांडो के साथ 12 घंटे की गोलीबारी के बाद सैफुल्लहा मारा गया था। इसके अलावा, समूह कमांडर आतिफ मुजफ्फर और अन्य प्रमुख ऑपरेटर गॉस मोहम्मद खान सहित सात लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
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