पुलिस की वर्दी पहन कार्ल गर्ल को लूटने वाला अर्न्तराज्यीय गिरोह के गुर्गे गिरफ्तार

Update: 2017-11-14 21:28 GMT
लखनऊ पुलिस।

लखनऊ। देश भर में इंटरनेट पर आसानी से एस्कार्ट सर्विस के नाम पर लोगों को कार्ल गर्ल उपलब्ध हो जाती है, लेकिन यूपी की लखनऊ पुलिस ने एक ऐसे अर्न्तराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लड़कियां मुहैया कराने वाले संचालक और उनकी लड़कियों को ही सर्विस लेने के नाम पर लूट लिया करते थे।

एसएसपी दीपक कुमार राय के मुताबिक, यह गिरोह बिहार और दिल्ली पुलिस की वर्दी पहनकर लड़कियों से मिला करता था, जिसके बाद लड़कियों को सेक्स रैकेट चलाने के नाम पर गिरफ्तार करने की धमकी देकर उन्हें लूट कर फरार हो जाते थे। एसएसपी का कहना है कि एस्कार्ट सर्विस चलाने वाले संचालक पुलिस के डर से इस गिरोह की शिकायत नहीं किया करते थे, इसका ही फायदा उठाकर यह गिरोह लड़कियों और उनके संचालकों को लूटा करते थे।

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एसपी नार्थ अनुराग वत्स के मुताबिक, इस गिरोह का खुलासा तक हुआ जब एक इंदिरानगर स्थित सुषमा अस्पताल के पास रहने वाले नीरज सिंह नाम के शख्स ने मुकदमा दर्ज कराया कि, उसका 11 अक्टूबर को कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया और अपने कब्जे से मुक्त करने के एवज में आरोपियों ने उनके एटीएम कार्ड से 1 लाख रुपए वसूले। शिकायत मिलने के बाद एसपी अनुराग वत्स ने अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए एक टीम गठित कर दी। इस बीच टीम लगातार आरोपियों के मोबाइल नम्बर को सर्विलांस पर लगाई हुई थी। इस दौरान पुलिस को सूचना मिली की अपहरणकर्ता बीती सोमवार दोपहर राजधानी के कमता क्षेत्र में नए शिकार के लिए आये हैं।

सूचना के आधार पर पुलिस और सर्विलांस टीम ने आरोपी अनिल कुमार सिंह निवासी तारनपुर थाना गौरीचक, पटना और राहुल सिन्हा उर्फ राहुल आनन्द निवासी थाना हिस्बा जिला नवादा, बिहार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ करने पर दोनों ने बताया कि, नीरज का अपहरण उन लोगों ने रुपए की खातिर किया था। इसके बाद आरोपियों ने एक ऐसा चौकाने वाला खुलासा किया कि, पुलिस भी इनके कारनामे सुन दंग रह गई।

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आरोपी राहुल ने बताया कि, वह लोगों से इंटरनेट के माध्यम से देश भर में एस्कार्ट सर्विस संचालकों के मोबाइल नम्बर निकाल उनसे लड़कियों की मांग किया करते थे। एस्कार्ट सर्विस से लड़कियां लेकर उनका दलाल जैसे ही बताये पते पर पहुंचता था राहुल और अनिल लड़कियों को सेक्स रैकेट का अवैध धंधा चलाने के नाम पर गिरफ्तार करने की धमकी देते थे। अपने इस काम को करने के लिए दोनों आरोपी कभी बिहार या दिल्ली पुलिस की वर्दी पहना करते थे। इसके पीछे उनका मकसद केवल इतना था कि, उनके शिकार को यह शक न हो की पकड़ने वाले पुलिस वाले नहीं हैं। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया है कि करीब एस्कार्ट सर्विस के 30 से 40 लोगों को अपना शिकार बनाकर लाखों रुपए ऐठे हैं।

पुलिसियां दिखने के लिए हथकड़ी और वायरलेस सेट रखते थे पास

एस्कार्ट सर्विस की लड़कियों और उनके दलालों को अर्दब में लेने के आरोपी राहुल और अनिल बिहार और दिल्ली पुलिस की वर्दी से लेकर बैच और बिल्ला इस्तेमाल किया करते थे। उन पर किसी को शक न हो इसके लिए यह दोनों असली पुलिस का वायरलेस सेट और हथकड़ी साथ में रखा करते थे। साथ ही पुलिसवालों के पास रहने वाला सर्विस रिवाल्वर की तर्ज पर दिखने वाला एक अवैध असलहा भी पुलिस ने आरोपियों के पास से बरामद किया है। आरोपी राहुल ने पूछताछ में बताया कि, कोई भी लड़की हमारे इस हुलिए को देख असली पुलिस ही समझती थी और डर के मारे जो रुपए उनके पास रहते थे उसे लूट कर फरार हो जाते थे।

शक न होने पर लड़कियों के पूरे रुपए दिया करते थे

पकड़े गए गिरोह के सदस्यों ने बताया कि, एस्कार्ट सर्विस संचालकों का मोबाइल नम्बर इंटरनेट पर आसानी से मिला जाता था। जिस पर फोन कर लड़कियों की मांग कर उन्हें अपने अड्डे पर बुलाते थे, लेकिन हर लड़की को बताये पते पर साथ में एक दलाल आया करता था, जो लड़कियों के एवज में आरोपी राहुल और अनिल से रुपये लेने पंहुचते थे। दोनों शातिर एस्कार्ट सर्विस के कर्मचारी को कार में बैठा कर कही सुनसान स्थान पर ले जाकर पुलिस की वर्दी में अर्दब में लेकर लूट उन्हें दूसरे जिलों में कार से फेंक अपने अगले शिकार में निकल पड़ते थे।

सबसे महंगे एस्कार्ट सर्विस के संचालकों को लगाते थे फोन

पूछताछ में खुलासा हुआ है कि, आरोपी इंटरनेट के माध्यम से देश भर के महंगे एस्कार्ट सर्विस प्रोवाइडर के नम्बर खोज उन्हें फोन कर लड़कियों की तस्वीर मंगाते थे। इसके पीछे आरोपियों का मकसद केवल इतना था कि, जितनी मंहगी लड़की उनके पास आयेगी, उनके पास उतना ही माल एटीएम में भरा होगा।

लूट के साथ लड़कियों के साथ मौजमस्ती भी काटते

आरोपी राहुल और अनिल कार्ल गर्ल को लूटने के साथ उनसे संबंध भी बनाते थे। आरोपी लड़कियों से गिरफ्तार और गोली मारने की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल कर अस्मत से लेकर धन भी लूट लिया करते थे। जबकि उनकी इस करतूत की शिकायत पुलिस तक केवल इसलिए नहीं पहुंचती थी कि, एस्कार्ट सर्विस प्रोवाइडर अनैतिक कार्य है, जिसके चलते उन्हें डर लगता था कि, अपने साथ हुए लूट की दास्ता सुनाने अगर पुलिस के पास गए तो उलटे पुलिस उन पर ही कार्रवाई कर देगी।

जेल में हुई दोस्ती

एसपी नार्थ अनुराग वत्स ने बताया कि, आरोपी अनिल सिंह उर्फ अमित पटना के चर्चित व्हाईट हाउस हत्या कांड में सुरेश महतो नाम के शख्स की आठवी मंजिल से धक्का देकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने अनिल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी अनिल ने बताया कि, पटना के बेऊर जेल में उसकी मुलाकात राहुल सिन्हा से हुई ,जो पहले से बड़ी आपराधिक घटनाओं के चलते वहां बंद था। आरोपी राहुल सिन्हा पर बिहार पुलिस ने क्राइम कन्ट्रोल एक्ट के अन्तर्गत कार्रवाई की, जिसके बाद राहुल को चार वर्ष की सजा हुई और 2015 में अपनी सजा पूरी कर राहुल जेल से रिहा हो गया। इस दौरान अनिल को भी जेल से जमानत मिल गई और दोनों ने अपराध की दुनिया में दोबारा से साथ कदम रखने का निश्चय कर एस्कार्ट सर्विस वालों को लूटने का इरादा बनाया और इसके तहत इंटरनेट के माध्यम से यूपी, बिहार, उड़ीसा, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में अपना शिकार पकड़ने लगे।

अनैतिक एस्कार्ट सर्विस को ही क्यों बनाया निशाना

आरोपी राहुल और अनिल की माने तो देश भर में एस्कार्ट सर्विस का मकड़जाल फैला हुआ, जो पुलिस की नजर से बचाकर जिस्मफरोशी का कारोबार चलाते हैं। आरोपियों ने योजना बनाई कि, क्यों न इन अनैतिक कारोबार वालों को पुलिस की वर्दी पहनकर लूटा जाये। आरोपियों का मानना था कि, जो खुद गलत व्यवसाय कर हैं वह क्यों पुलिस के पास अपने साथ हुई लूट की घटना की सूचना देने जायेगे।

क्या होता है एस्कार्ट सर्विस

भारत में एस्कार्ट सर्विस का मकड़जाल कुछ समय से जोर पकड़े हुए हैं। इस सर्विस के संचालक दावा करते हैं कि, हम जिस्मफरोशी का कारोबार नहीं करते बल्कि केवल मनोरजन के लिए लोगों को सर्विस देते हैं, जिसमें जिस्मफरोशी छोड़ कर सबकुछ होता है, लेकिन कहानी इससे बिल्कुल उलट है इस सर्विस को चलाने वाले संचालक लड़कियों की उम्र और खूबसूरती के हिसाब से ग्राहकों से पूरी रात का सौदा करते हैं। ग्राहक के हामी भरने पर संचालक के यहां मौजूदा दलाल इन्हें बताये पते पर कार से ड्राप करने जाते हैं। इस सौदे में 10000 से लेकर लाखों रुपए तक में लड़कियां ग्राहकों के पास भेजी जाती हैं। दलाल रुपए लेने के बाद ही लड़की ग्राहक को सौंपता है और अगली सुबह 6 बजे लड़की को ग्राहक के पास लेने जाता है।

अमरोहा के सांसद के बेटे हुए थे एस्कार्ट सर्विस के शिकार

उत्तर प्रदेश के अमरोहा से सांसद के बेटे ने मुम्बई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया से एक एस्कॉर्ट सर्विस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कहा कि एक लड़की और उसके ड्राइवर ने उन्हें और उनके एनआरई दोस्त को लूट लिया था। इस घटना के बाद ही देश में आम लोगों को एस्कार्ट सर्विस के बारे में जानकारी प्राप्त हुई थी।

एस्कार्ट सर्विस एक रहस्मयी सेवा

एस्कॉर्ट सर्विस यानी ऐसी रहस्मयी सेवा जो ना तो कानूनी है और ना गैरकानूनी धंधे की कैटेगरी में आती है। इस सेवा को देने वालों का दावा है कि महिलाएं एस्कॉर्ट करने के लिए बुलाई जा सकती है। देश भर में ये सेवा धड़ल्ले से चलती है। विज्ञापन खूब आते हैं। पुलिस की नज़र में भी रहते ही होंगे। एस्कॉर्ट सर्विस क्या होती है, कैसे काम करती है, विज्ञापन हर दिन छपते हैं... यहां तक कि उसे ग्राहक भी मालूम हैं। ग्राहक किन बड़ी होटलों में ठहरते हैं, ये सब ब्योरे पुलिस के पास होते हैं। लेकिन वह एक्शन लेने का जोखिम नहीं उठा सकती।

केंद्र सरकार ने 240 एस्कार्ट सर्विस वेबसाइटों पर लगा रखा है प्रतिबंध

केंद्र सरकार ने एस्कॉर्ट सर्विस पेश करने वाली 240 वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया था। गृह मंत्रालय की विशेषज्ञों की समिति की सिफारिश पर यह प्रतिबंध लगाया गया था। गृह मंत्रालय की एक विशेष समिति की सिफारिश पर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों के लिए 240 एस्कॉर्ट बेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया गया था।

अधिकारी ने कहा कि प्रक्रिया के अनुसार असंतुष्ट व्यक्ति या पक्ष शिकायत या प्रार्थनापत्र विशेषज्ञ समिति को सौंप सकता है। हालांकि एक इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, सभी वेबसाइटों के कन्टेंट पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। तकनीकी पहलुओं पर ध्यान दिए बगैर आदेश दिया गया है। यदि वेबसाइट अपना नाम या लिंक में हल्का सा भी बदलाव कर दे तो वह फिर से शुरू हो जाएगा। कार्यकारी ने बताया कि वेबसाइटों पर मोबाइल नंबर दिए गए हैं जिसे पकड़ा जा सकता है और ऐसी गतिविधि पर नियंत्रण के लिए दोषी को दबोचा जा सकता है।

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