गोरखपुर त्रासदी : ऑपरेटर की चिट्ठी: ‘तीन दिन की बची है ऑक्सीजन’

Update: 2017-08-15 14:25 GMT
ऑपरेटर ने लिखा था पत्र। 

गोरखपुर/लखनऊ। अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन के संकट को भांपते हुए वहां संविदा पर वार्ड नंबर 112 में काम कर रहे तीन सेंट्रल पाइप लाईन ऑपरेटर-कृष्ण कुमार, कमलेश तिवारी, बलवन्त गुप्ता ने विभागाध्यक्ष को 3 अगस्त, 2017 को पत्र लिखकर अवगत कराया था।

ये भी पढ़ें- बीआरडी के पूर्व डिपार्टमेंट हेड ने कहा, मुझे नहीं लगता ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुईं, दाल में कुछ काला है

पुष्पा सेल्स के मैनेजर दिपांकर ने लिक्विड गैस का पैसा न मिलने की वजह से ऑक्सीजन देने से इनकार कर दिया है, जनहित को देखते हुए कृपा करके लिक्विड आक्सीजन गैस को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की कृपा करें क्योंकि लिक्विड गैस तीन दिन में ही खत्म हो जाएगी। इस पत्र की प्रतिलिपि प्रधानाचार्य बीआरडी कॉलेज, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक नेहरू चिवि गोरखपुर को भेजी गई थी। इसके अलावा विभागाध्यक्ष एनिस्थीसिया विभाग, नोडल अधिकारी एनएचएम मेडिकल कॉलेज गोरखपुर को भी भेजी गई थी।

ये भी पढ़ें- गोरखपुर : यहां परिजन खरीदकर लाते हैं मास्क और दस्ताना, तब होता है पोस्टमार्टम
इसके बाद इन तीनों संविदाकर्मियों ने दिनांक 10-8-2017 को विभागाध्यक्ष को फिर पत्र लिख कर अवगत कराया, “आज प्रात: 11.20 पर लिक्विड आक्सीजन की रीडिंग 900 है, जो आज रात तक ही सप्लाई हो पाना संभव है। पुष्पा सेल्स के अधिकारी से बार-बार बात करने पर पिछला भुगतान न करने का हवाला देते हुए ऑक्सीजन की सप्लाई को इनकार कर दिया। तत्काल ऑक्सीजन की व्यवस्था न होने पर समस्त वार्डों में भर्ती मरीजों की जान को खतरा है। अत: श्रीमान जी से निवेदन है कि तत्काल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराने की कृपा करें।“

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Similar News