योगी का असर: 9 बजे ही ऑफिस पहुंच रहे कर्मचारी, सफाई में भी दे रहे योगदान

Update: 2017-05-29 22:04 GMT
कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है सफाई अभियान

बाराबंकी। योगी सरकार की सख्ती का असर सरकारी कार्यालयों में दिखने लगा है। सरकार के सफाई अभियान ने न सिर्फ सरकारी कार्यालय की बदहाल सूरत बदलनी शुरू कर दी है बल्कि श्रमदान से कई अधिकारियों और कर्मचारियों की बीमारी और तनाव भी दूर होने लगी है। जो अधिकारी पहले 10 बजे अपने ऑफिस में नहीं बैठते थे आज वो नौ बजे से पहले ही कार्यालय पहुंचकर साफ-सफाई कर रहे हैं।

बाराबंकी के तहसील नवाबगंज में सुबह सात बजे उपजिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने झाड़ू लगाकर कार्यालय की सफाई की और लंबित फाइलों को निपटाने में लग गए। उनके साथ तहसील के सैकड़ों कर्मचारी हाथों में झाड़ू लेकर सफाई में जुटे हुए थे। राजस्व कर्मचारी सीताशरण अवस्थी बताते हैं, "झाड़ू लगाने से सेहत में सुधार हो रहा है।" वहीं दूसरे राजस्व कर्मचारी राजेश मिश्रा का कहना है, "ये अभियान योगी सरकार का ऐसा अभियान है जो कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।"

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तहसील के एक अन्य कर्मचारी नानक शरण ने बताया, "पहले मैं ब्लडप्रेशर का मरीज था अब मेरा ब्लडप्रेशर कंट्रोल रहता है।" वहीं तहसील के ही कर्मचारी राम कुमार बताते हैं, ''शुगर जैसी बीमारी अब आम हो गयी है हमें बहुत खुशी है कि सफाई को लेकर अब सरकारी कर्मचारी जागरूक हो रहे हैं।" तहसील नवाबगंज में तैनात वरिष्ठ सहायक उर्दू अनुवादक मोहम्मद इसलाउद्दीन महमूद पिछले छह वर्ष से शुगर से पीड़ित चल रहे थे, लेकिन सफाई अभियान ने उनके शुगर को कंट्रोल कर दिया है। उन्होंने कहा, "दो घंटे के श्रमदान से मुझे पसीना आ रहा है। ये सेहत के लिए शुभ संकेत है।"

जिला मुख्यालय के नजदीक स्थित विकास भवन में बेसिक शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह सुबह-सुबह सफाई करने के बाद कार्यालय में बैठकर समस्याएं सुन रहे थे। इसके अलावा कृषि अधिकारी रामकुमार यादव कार्यालय में झाड़ू और साफ़-सफाई करवाने के बाद फरियादियों के इंतजार में अपने सरकारी दफ्तर में बैठ गए थे। उन्होंने कहा, "सुबह सात बजे मैं कार्यालय आ गया था। विकास भवन के ऊपर की छत पर जाकर सफाई की। इस अभियान में बहुत मजा आ रहा है। सुबह नौ बजने के पांच मिनट पहले ही कार्यालय में पहुंच जाता हूं।"

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पड़ोस के कार्यालय में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी संजीव कुमार भी अपने दफ्तर में समय से बैठे दिखे, लेकिन तमाम ऐसे भी कर्मचारी और अधिकारी भी विकास भवन में मिले जो समय से कार्यालय नहीं पहुंच पाए थे वो लोग अपनी गाड़ी से उतरते ही अपने कार्यालय की ओर इस तरह दौड़ लगा रहे थे मानों उनकी ट्रेन छूटने वाली थी। फिलहाल, योगी सरकार के इस फैसले से जहां अधिकारियों की नींद हराम है। वहीं अब फरियादियों को अधिकारी दफ्तर में दिखने लगे हैं।

रिपोर्ट: सतीश कश्यप/आकाश सिंह

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