यूपी बन रहा 'उड़ता पंजाब', युवा हो रहे ड्रग्स के शिकार
नशे का कारोबार जिस तरह से उत्तर प्रदेश में तेज़ी के साथ फैल रहा है, ये कहना ग़लत नहीं होगा कि आने वाले वक्त में यूपी नशाखोरी के मामले में पंजाब को पिछाड़ कर देश में अव्वल नंबर पर आ जाएगा।
लखनऊ। यूपी में नशीली दवाओं और अपराध का जोर बढ़ता जा रहा है। लखनऊ समेत पूरे यूपी में न जाने कितने ऐसे अड्डे हैं जो पुलिस की नाक के नीचे युवाओं की जि़ंदगी में ज़हर घोल रहे हैं । नशे का कारोबार जिस तरह से उत्तर प्रदेश में तेज़ी के साथ फैल रहा है, ये कहना ग़लत नहीं होगा कि आने वाले वक्त में यूपी नशाखोरी के मामले में पंजाब को पिछाड़ कर देश में अव्वल नंबर पर आ जाएगा। नशे के कारोबारी मोटे-मुनाफे के चलते धड़ल्ले से नशाख़ोरी का सामान बेच रहे हैं।
संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2011 से 2013 के बीच करीब पांच गुना लोग नशे के आदी हो गए और 1.05 लाख कुंतल नशीला पदार्थ इन तीन वर्षों में बरामद किया गया। ''मैं अपनी चार बीघा ज़मीन स्मैक के चक्कर में गंवा चुका हूं। मेरे दोस्त ने पहली बार यह कहकर सुंघाया कि इससे उत्तेजना बढ़ती है। इसके बाद दो बार मैंने इसका प्रयोग किया और फिर मेरी आदत बन गई।" बाराबंकी में नशेड़ियों के अड्डे धनोखर मंडी के पीछे एक झोपड़ी से स्मैक की पुड़िया खरीद रहे दशहरा बाग निवासी सुनील श्रीवास्तव ने बताया, ''अब सुबह शाम स्मैक न मिले तो मेरे हाथ-पैर ऐंठने लगते हैं, गला सूख जाता है।" उत्तर प्रदेश में मारफीन और स्मैक के गढ़ बाराबंकी के हरख ब्लॉक के गाँवटिकरा उस्मा में गाँव के किनारे आम के बागों में नशेड़ियों के झुंड दिख जाएंगे। यहीं पुलिया के पास खड़े एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ''यहां जमकर नशीला पदार्थ बनता है।"
बाराबंकी में मॉरफीन और स्मैक के कारोबार के फलने-फूलने की वजह बताते हए नारकोटिक्स विभाग के अफसर भी कहते हैं, ''जब हम लोग छापा मारने जाते हैं तो स्थानीय पुलिस को साथ लेना मजबूरी है। इससे इससे जुड़े कारोबारियों को पता लग जाता है और नशीला पदार्थ गायब कर दिया जाता है। इसमें पुलिस भी मिली रहती है।" कानपुर में बड़ा अड्डा अनवरगंज थाने के पास नशे का करोबार जमकर होता है। एक ड्रग कारोबारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ''यहां हैदरगढ़, दादरी और कन्नौज से माल आता है। हम इसे पुड़िया बना कर बेचते हैं। इसकी कीमत नशे की डिग्री (असली माल कितना) के हिसाब से 50 से 300 रुपए होती है।" प्रदेश में नशीले पदार्थ के खिलाफ चले अभियान में लखनऊ में 11 जनवरी को 11 किलो नशीला पदार्थ बरामद हुआ। जबकि नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो ने 12 जनवरी को रामपुर में तीन को गिरफ्तार कर 30 किलो चरस बरामद की। प्रदेश में सितंबर से दिसंबर, 2015 के बीच अभियान चलाकर करीब 300 किलो मादक पदार्थ पकड़ा गया।
''स्मैक सबसे पहले मानसिकता पर असर करती है, फिर फेफड़े और लीवर पर इसका प्रभाव पड़ता है। रोग अवरोधक क्षमता खत्म हो जाती है। दौरे पड़ने लगते हैं, हाथ-पैर टेढ़े हो जाते हैं, कभी ठंड तो कभी गर्मी लगने लगती है। गंभीर बीमारियां टीवी आदि भी रोगियों में हो जाती हैं।
राजीव कुमार श्रीवास्तव, प्रबल नशा उन्मूलन एवं मानसिक अस्पताल, लखनऊ
एक फोटो और फोटोग्राफर की पहल ने एक लड़की को नशे और वेश्यावृत्ति से बचा लिया
भांग खाने वालों की संख्या भारत में सबसे ज्यादा
भारतीय राष्ट्रीय सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में एक बहुत बड़ी आबादी एक करोड़ सात लाख लोग नशीली दवाओं के आदी हैं। भांग खाने वालों की संख्या भारत में सबसे ज्यादा है। यह भारत के ग्रामीण इलाकों में आसानी से उपलब्ध हो जाती है। देश में लगभग 90-95 लाख लोग भांग खाते हैं, जबकि अफीम या अफीम मिश्रित नशीले पदार्थ का उपयोग करने वाले लोग भी 20-25 लाख होंगे। एक अनुमान के मुताबिक, मिजोरम में 45-50 हजार लोग नशे के आदी हैं, इनमें से आधे से अधिक लोग नशीले इंजेक्शन का उपयोग करते हैं।
पंजाब में सबसे ज्यादा नशीली दवाओं की तस्करी
भारत में सबसे ज्यादा नशीली दवाओं का उपयोग मिजोरम, पंजाब और मणिपुर में होता है। इन राज्यों की सीमाएं पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश आदि देशों से मिलती हैं और उन रास्तों से बहुतायत में नशीली दवाओं की तस्करी होती है। मिजोरम में पिछले चार सालों में करीब 48,209 टन नशीली दवाइयां जब्त की गई हैं। पंजाब में करीब 39,064 टन नशीली दवाइयां बरामद की गई हैं। अगर पिछले चार सालों में दवा तस्करों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को देखें, तो पूरे देश में दवा तस्करी के लगभग 64,737 मामले में से 21,549 मामले को साथ पंजाब सबसे आगे रहा है। 9 दिसंबर 2014 को लोकसभा मे पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2011 से 2014 के बीच नशीले पदार्थों की तस्करी के पूरे देश में दर्ज किए गए 16,274 मामलों में उत्तर प्रदेश में 5786 मामले दर्ज किए गए, वहीं पंजाब में 4,308, केरल में 697, पश्चिम बंगाल में 498 और मध्य प्रदेश में 336 मामले दर्ज किए गए। इस दौरान दवा तस्करी के मामले में 64,302 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
शौक नहीं, युवाओं की ज़रूरत बनता जा रहा है नशा
एनडीपीएस के तहत वर्षवार हुई गिरफ्तारियां (आंकड़े लोकसभा के )
राज्य 2011 2012 2013 2014
उत्तर प्रदेश 5836 3162 5368 1907
प् बंगाल 673 1643 977 319
केरल 823 611 1053 381
आन्ध्र प्रदेश231 806 1382 301
राष्ट्रीय 18625 13862 26649 5166
हर साल नशे पर 20 खरब रुपए खर्च करते हैं लोग
एक अध्ययन में सामने आया है कि हर साल भारत में लोग नशे पर करीब 20 खरब रुपए खर्च करते हैं। वहीं, इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च की ओर से पीजीआई साइकेट्री विभाग ने पंजाब के मुख्य जिले अमृतसर, पटियाला और फरीदकोट में नशे की स्थितियों पर शोध किया गया है। इस शोध में सामने आया है कि नशे के लिए हर रोज लोग 300 से 400 रुपए तक खर्चा कर रहे हैं।
कैंसर का दर्द दूर करने वाली दवाओं पर नशा कारोबारियों की नजर
परिवार का साथ ही छुड़ा सकता है लत
"ड्रग्स से दिमाग सुप्ता अवस्था में आ जाता है। सोचने-समझने की शक्ति कम हो जाती है। जब नशे की जरूरत होती है, नशा करने वाला इस समय नशे के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। केवल मनोवैज्ञानिक ढंग से इससे मुक्ति पाई जा सकती है। परिवार के लोग रोगियों के साथ रहें। जब उसे नशे की जरूरत हो तो उसे पानी पिलाएं। मनोबल बढ़ना बहुत जरूरी है।" डॉ. दीपक आचार्य, हर्बल विशेषज्ञ बताते हैं।
'उड़ता पंजाब' नहीं, अब 'उड़ता केरल' और 'उड़ता महाराष्ट्र' बोलिए