बाढ़ आई तो सरकार को फिर याद आयी स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स 

Update: 2017-07-08 23:35 GMT
बाराबंकी के कई गांवों में बाढ़ से हालात का मंजर।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में 21 साल बाढ़ राहत प्राधिकरण की बैठक हुई। मुख्यमंत्री योगी खुद बाढ़ प्रभावित पूर्वांचल से आते हैं ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि इस बार बाढ़ लोगों को कम सताएगी। लेकिन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री की उस मंशा को भी पलीता लगा दिया।

जुलाई के पहले हफ्ते में ही उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में नदिया उफान पर हैं। घाघरा और राप्ती समेत कई नदियां तेजी से कटान कर रही हैं। सरकार ने प्रदेश के 75 में से 40 जिले बाढ़ प्रभावित हैं, जिसमें से 23 अतिसंवेदशील ओर 17 संवदेनशील हैं, जहां पर बाढ़ की आशंका है लेकिन इस बाढ़ से जनधन की हानि को रोकने के लिए जिस रेस्क्यू टीम का गठन 10 साल पहले हो जाना चाहिए था वह अभी तक नहीं हो पाया है।

बाढ़ का खतरा।

इस बारे में उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के सचिव भगवान स्वरूप श्रीवास्तव ने बताया, ''एसडीआरएफ के गठन कार्रवाई चल रही है। लखनऊ एयरपोर्ट के पास जमीन का चिन्हित कर लिया गया है। उपकरणों की खरीद के लिए फंड भी दे दिया गया है। जल्द इसमें चयनित लोगों की ट्रेनिंग शुरू की जाएगी।''

सीएम ने टीम गठित नहीं होने पर लगायी थी फटकार

कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश में बाढ़ से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा बैठक करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसडीआरएफ के अभी तक के गठन नहीं होने से अधिकारियों को फटकार लगाते हुए इसको जल्द से जल्द गठन करने का निर्देश दिया था।

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प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए भारत सरकार ने साल 2005 में आपदा प्रबंधन अधिनियम बनाया और इसके तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बनया। जिसमें आपदा के समय बचाव के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स का गठन किया। राष्ट्रीय आपदा अधिनियम के तहत सभी राज्यों को अपने-अपने प्रदेश में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स (एसडीआरएफ ) के गठन का आदेश दिया लेकिन उत्तर प्रदेश में आजतक एसडीआरएफ का गठन नहीं हो पाया है।

घाघरा का जलस्तर बढ़ा।

ट्रेंड पुलिस, आर्मी व होमगार्ड्स के जवान होते हैं शामिल

एसडीआरएफ एक रेस्क्यू टीम होती है, जिसमें ट्रेंड पुलिस, एक्स आर्मीमैन और होमगार्ड्स के जवानों को शामिल को बचाव कार्य के आधुनिक उपरकणों से लैस किया जाता है। यह फोर्स किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू करते हैं। इस टीम में मेडिकल टीम भी शामिल होती है।

उत्तर प्रदेश में एसडीआरएफ के गठन को लेकर 28 नवंबर को 1016 को तत्कालीन प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पाण्डा ने पत्र जारी किया था। जिसमें बताया गया था कि उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्य करने के लिए राज्यपाल ने एसडीआरएफ के गठन की मंजूरी दे दी है, लेकिन इसके बाद भी इसका गठन नहीं हुआ। एसडीआरएफ के गठन और संचालन पर केन्द्र सरकार की तरफ से जो धनराशि उपलब्ध कराई गई है उसका 10 प्रतिशत बचाव काम में आने वाली विशेष उपकरणों में खर्च करना है, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया में ही है। ऐेस में इस साल भी एसडीआरएफ का गठन होते-होते बाढ़ का सीजन बीत जाएगा।

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