खेत में काम करने वाली महिलाएं भी बनेंगी वर्किंग वुमन, सरकार हर साल 15 अक्टूबर को मनाएगी महिला किसान दिवस

Update: 2017-02-16 12:12 GMT
महिला किसान दिवस 15 अक्टूबर

लखनऊ। हम जब भी कभी कामकाजी महिलाओं की बात करते हैं तो हमारे मन में टैंपो, बसों में, कारों में और ट्रेनों में हररोज़ दफ्तर जाने वाली महिलाओं की छवि अपने आप बन जाती है। लेकिन हम यह नहीं जानते हैं कि देश में हर रोज़ खेतों में करोड़ों की संख्या में महिला किसान काम करती हैं।

देश में महिला किसानों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें वर्ष में अपना एक पूरा दिन दिया है। सरकार अब हर वर्ष 15 अक्टूबर का दिन महिला किसान दिवस के रूप में मानाएगी। सरकार का यह फैसला गोरखपुर जिले के सबसे पिछड़े क्षेत्र कोड़ीबला में रहने वाली 50 से अधिक महिला किसानों के लिए अहम साबित हो सकता है।

गोरखपुर जिले के कोड़ीबला गाँव की रहने वाली श्रीकांति (40 वर्ष) दस वर्षों से गोभी, आलू और टमाटर जैसी फसलों की खेती कर रही हैं। खेती में पहले उन्हें मौसम का अनुमान नहीं लग पाता था, जिससे उनकी सब्जियां बर्बाद हो जाती थीं। वो अब अपने जिले में अलग-अलग सरकारी कृषि बैठकों में जाती हैं और खेती की नई तकनीके सीख रही हैं।इससे उनकी फसल अब पहले की तरह खराब नहीं होती है।

देश के केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने महिला किसानों को बढ़ावा देने के लिए 15 फरवरी को ट्वीट करते हुए बताया,''अब देश में महिला किसानों को नई कृषि तकनीकों से अवगत कराने वा उन्हें कृषि से संबंधित सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए अब हर वर्ष 15 अक्टूबर को महिला किसान दिवस मनाया जाएगा।''

भारतीय जनगणना 2011 के सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में छह करोड़ से ज़्यादा महिलाएं खेती के व्यवसाय से जुड़ी हैं।महिला किसान दिवस की मदद से खेती- किसानी को व्यवसाय के तौर पर अपनाने के लिए महिलाओं को जागरूक किया जाएगा। अपने क्षेत्र की कृषि में बड़े योगदान के लिए महिला कृषकों को सरकार व्दारा सम्मानित भी किया जाएगा। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के लिए महिला किसान दिवस के ज़रिए कई जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
संतकबीर नगर जिले के मेंधावल गाँव की सम्मानित महिला किसान गुजराती देवी (50 वर्ष) बताती हैं,'' खेती में आज से समय में महिलाओं के पिछड़ने का सबसे बड़ा कारण तकनीकी ज्ञान की कमी है। अगर किसान महिला दिवस में सरकार महिलाओं को अाधुनिक खेती के बारे में जागरूक कर सके, तो यह प्रयास सराहनीय होगा।''

इस वर्ष बजट में कृषि क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने की बात को प्रमुखता से उठाते हुए देश में प्रमुख कृषि वैज्ञानिकों में से एक डॉ. एमएस स्वामिनाथन ने यह बात रखी थी कि देश में खेती से जुड़े 50 फीसदी से अधिक कार्यों में महिलाएं शामिल हैं। इसके बावजूद भारत में महिला किसानों के लिए कोई बड़ी सरकारी निति नहीं बनाई गई है।ऐसे में किसान महिला दिवस के माध्यम से देश की करोड़ों महिला किसानों को मदद मिल सकेगी।

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