जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भारत कर रहा गैर परंपरागत ऊर्जा के प्रयोग का प्रदर्शन

Update: 2018-12-10 12:07 GMT

कटोविस (पोलैंड)। जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में कई देशों ने अपने-अपने देशों के ऊर्जा संयंत्रों का प्रदर्शन कर रहे हैं, इनमें भारत भी शामिल है।

पोलैंड में इंडिया पैवेलियन सम्मेलन में भारत ने दिखाने की कोशिश की है कि कैसे वह तेज़ी से कार्बन रहित ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है 2022 तक भारत ने 1,75,000 मेगावाट साफ सुथरी ऊर्जा के संयंत्र लगाने का वादा किया है। इसी के तहत सौर और पवन ऊर्जा के इस्तेमाल को दिखाया गया है। एलईडी का प्रोग्राम और साइकिल के प्रयोग के साथ इलैक्ट्रिक वाहनों की नुमाइश भी गई है। कार्बन रहित ऊर्जा के मामले में भारत दुनिया का पांचवां बड़ा देश है।

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जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में 196 देश हिस्सा ले रहे हैं। इस सम्मेलन की वार्ता काफी जटिल होती है और इसमें देशों ने अपने हितों और क्लाइमेट चेंज के खतरों की समानता के हिसाब से कई गुट बनाये हैं। मिसाल के तौर पर बहुत गरीब देशों का ग्रुप लीस्ट डेवलप्ड कंट्रीज यानी LDC कहा जाता है तो एक जैसी सोच वाले विकासशील देशों का समूह लाइक माइंडेड डेवलपिंग कंट्रीज LMDC कहा जाता है। लेकिन सबसे बड़ा समूह G-77+China है जिसमें भारत और चीन समेत करीब 135 देश हैं।

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