चमकी बुखार पर नीतीश कुमार ने तोड़ी चुप्पी, कहा सरकार ने बचाव की पूरी कोशिश की

विधानसभा में चमकी बुखार के कहर पर जवाब देते हुए नीतीश ने कहा, “ जो भी हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, इस पर सिर्फ दुख व्यक्त करना पर्याप्त नहीं है, यह काफी गंभीर मुद्दा है।”

Update: 2019-07-01 09:17 GMT

पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर और आसापास के जिलों में चमकी बुखार की वजह से 154 बच्चों की मौत के बाद सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ी। विधानसभा में चमकी बुखार के कहर पर जवाब देते हुए नीतीश ने कहा, " जो भी हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस पर सिर्फ दुख व्यक्त करना पर्याप्त नहीं है। यह काफी गंभीर मुद्दा है।"

सीएम ने कहा कि सरकार ने बचाव की पूरी कोशिश की है। इस पर विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई, जिससे इसकी तह तक जाया जा सके। सोमवार को बिहार विधानसभा में चमकी बुखार से मौतों का आंकड़ा देते हुए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, 28 जून तक चमकी बुखार से पीड़ित करीब 720 बच्चे भर्ती हुए। इनमें से 586 स्वस्थ हो गए जबकि 154 की मौत हुई है।

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सीएम ने कहा, इससे जो पीड़ित हैं वे गरीब परिवार के लोग हैं। आखिर ऐसी स्थिति क्यों है? मैंने कहा इसके लिए सोसियो-इकोनोमिक सर्वे करना चाहिए। मैं वहां सभी भर्ती हुए बच्चों के मां और परिवार से बात की। एक बेड को दो बचे थे क्योंकि बेड्स की कमी थी। मुझे जानकारी मिली थी कि वहां आईसीयू का मात्र चौदह बेड ही है। तब स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव हैं उनसे मैंने कहा इससे काम नहीं चल सकता है। इन लोगों ने त्वरित कार्रवाई की। वहां जेल का वार्ड था। जेलर के लिए जो जगह थी उस जगह को हटा करके उन लोगों ने आईसीयू की संरचना की। इस पर समीक्षा बैठक की। जिसमें उपमुख्यमंत्री मौजूद थे।

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इससे पहले बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बिहार विधानसभा में चमकी बुखार पर आांकड़े पेश किया, उन्होंने कहा 28 जून तक 720 भर्ती हुए, 586 ठीक हुए, और 154 बच्चों की मौत हो गई। मृत्यु दर घटकर 21% रह गई। 2011-19 के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में एक्युट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मृत्यु दर कम हुई है। 

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