पेट्या वायरस का सबसे भयंकर प्रभाव भारत पर

Update: 2017-06-29 17:24 GMT
पेटया वायरस। प्रतीकात्मक फोटो: साभार इंटरनेट 

नई दिल्ली (भाषा)। दुनियाभर में हजारों को अपना शिकार बनाने वाले 'पेटया' रैनसमवेयर की एशिया प्रशांत क्षेत्र में हुए सबसे भयंकर मार का असर भारत पर भी पड़ा है। सिमनाटेक इंडिया ने आज यह बात कही। वैश्विक स्तर पर भारत सातवां सबसे अधिक प्रभावित राष्ट्र है।

इसी हफ्ते पेट्या वायरस ने दुनियाभर में संगठनों को अपना शिकार बनाया था। यूक्रेन, अमेरिका और रस पेटया से उससे बुरी तरह प्रभावित देशों में शामिल हैं। अन्य देश फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, चीन और जापान है। दो महीने में ऐसा दूसरी बार हुआ है कि हैकरों ने कंप्यूटरों को बंधक बनाने का प्रयास किया और उपयोगकर्ता द्वारा भुगतान नहीं करने पर अहम आंकड़े मिटाने की धमकी दी। मई में 'वानाक्राई' रैनसमवेयर हमले ने 100 से अधिक देशों में सिस्टम को प्रभावित किया था। इस रैनसमवेयर द्वारा संक्रमित किये जाने के बाद सिस्टम को लॉक कर दिया जाता है और फाइलें हासिल करने के लिए बिटक्वाइन में 300 डालर की मांग की जाती है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि भुगतान के बाद सिस्टम विकोड कर दिया जाता है।

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रस की सबसे बड़ी तेल कंपनी रोजनेफ्ट, यूक्रेन के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, नौवहन कंपनी एपी मॉलर मार्सक और विशाल विज्ञापन कंपनी डब्ल्यूपीपी समेत कुछ दिग्गज कंपनियां इस नवीनतम हमले का शिकार बनीं। भारत में जवाहरलाल नेहरु पोर्ट ट्रस्ट का एक टर्मिनल प्रभावित हुआ, जबकि एक निजी बंदरगाह संचालक एपीएम टर्मिनल्स पीपावा के परिचालन पर आंशिक प्रभाव पड़ा। भारत सरकार अहम बुनियादी ढांचे एजेंसियों को पहले ही परामर्श भेज चुकी है और वह स्थिति पर नजर रखी हुई है।

सुरक्षा कंपनियों ने चेतावनी दी है कि पेटया खासतौर पर खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह प्रथम सिस्टम के संक्रमित होने के बाद बहुत तेजी से नेटवर्क में फैलने के लिए बहुविध तकनीकी का इस्तेमाल करता है। उन्होंने कंपनियों को अपना विंडोज सॉफ्टवेयर अद्यतन करने, सुरक्षा हल चेक करने की सलाह दी है। उन्होंने उन्हें यह सुनिश्चत करने को कहा है कि उनके पास बैक अप और रैनसमवेयर खोजी बिंदु है।

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