घर पर तरल जैविक खाद बनाकर बढ़ाई पैदावार

Update: 2017-11-29 19:14 GMT

एक ओर खेती के लिए जहां डीएपी और यूरिया के महंगे दामों को लेकर गरीब किसान परेशान रहते हैं, वहीं कानपुर नगर के एक किसान द्वारा बनाए गए तरल जैविक खाद का प्रयोग कर कई जिलों के किसान अच्छी पैदावार तो कर रही रहे हैं, साथ ही इस खाद को दूसरे जिलों में बेचकर मुनाफा भी कमा रहे हैं।

कानपुर नगर जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर शिवराजपुर ब्लॉक से पश्चिम दिशा में कुंवरपुर गाँव है। इस गाँव में रहने वाले पंचमकुमार (45 वर्ष) ने साल 2012 में जैव रक्षक (अमृत पानी) देशी खाद बनाना शुरू किया। इस जैव रक्षक को फसलों में डालने से पैदावार बेहतर होती है।

ये भी पढ़ें- वर्मी कंपोस्ट से भी अच्छी होती है मुर्गियों की बीट की खाद, जानिए फायदे

पंचम लाल बताते हैं, "एक एकड़ खेत में जहां दो बोरी डीएपी (कीमत 1200 रुपए प्रति बोरी) और दो बोरी यूरिया (कीमत 350 रुपए प्रति बोरी) लगती है यानी करीब तीन हजार से अधिक रुपए लगते हैं लेकिन इस तरल खाद को तीन बार स्प्रे करने के बाद अच्छी पैदावार होती है और इसमें केवल नौ सौ रुपए प्रति एकड़ का ही खर्च आता है।"

मिल चुका है जल मित्र का सम्मान

पंचम लाल को साल 2014 में एचएसबीसी और डब्लूडब्लूएफ के सहयोग से वर्ल्ड वाटर डे के दिन जल मित्र का सम्मान दिया गया। आज पंचमलाल जैव रक्षक बेचने के साथ ही गाँवों किसानो के साथ गोष्ठियां भी करते हैं उनका कहना है कि बाजार से कीटनाशक रासायनिक दवाइयों की खरीददारी कम हो क्योंकि इससे हमारी भूमि बंजर हो रही है, लोग बीमार पड़ रहे हैं, इससे पानी प्रदूषित हो रहा है। इन सब का बचाव करना हर आदमी की नैतिक जिम्मेदारी है, इसी उद्देश्य से मैंने ये संकल्प लिया है कि हम किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करेंगे।

यह भी पढ़ें: हर्बल घोल की गंध से खेतों के पास नहीं फटकेंगी नीलगाय, ये 10 तरीके भी आजमा सकते हैं किसान

"अमृत पानी प्रोडक्ट बहुत अच्छा है इसकी मांग बहुत ज्यादा है, जितना बाजार में बेचा जा रहा है, वो मात्रा बहुत कम है, जितना ज्यादा इसका प्रचार-प्रसार होगा उतनी ही इसकी मांग बढ़ेगी, अगर किसान इसे खुद अपने घरों में बनाकर इसका इस्तेमाल करें तो उनकी बाजार पर निर्भरता कम होगी और बेहतर उत्पादन के साथ जैविक ढंग से खेती होगी।" सतीश सूबेदार, एग्रीकल्चर कंसल्टेंट्स ने बताया।

क्या है स्प्रे करने का तरीका

पंचमलाल फसल में डालने का तरीका बताते हैं कि 16 लीटर एक टंकी पानी में 75 से 90 एमएल तक जैव रक्षक डालकर फसल में स्प्रे करते हैं। एक बीघे में चार से पांच टंकी पानी में डालकर स्प्रे किया जाता है। सबसे पहले जब हमने अपनी भिन्डी की फसल में इसे डाला तो पैदावार बहुत ज्यादा हुई। मेरे गाँव के लोगों ने जब इसका कारण पूछा तब मैंने उन्हें जैव रक्षक के बारे में बताया। अब हमारे गाँव के आस-पास के लोग भी इसका इस्तेमाल करने लगे हैं।

Full View

यह भी पढ़ें: गाजर घास से बना सकते हैं बेहतर जैविक खाद, ये अपनाएं तरीके

गाँव के हीरो: गंगा के लिए छोड़ दी रासायनिक खेती, गंदा पानी साफ करने के लिए बनवाए फिल्टर

कहीं गलत तरीके से तो नहीं बना रहे जैविक खाद, यह तरीका है सही

यह भी पढ़ें: किसान बिना खर्चे के घर में बनाएं जैविक कीटनाशक

ये भी पढ़ें- ज़ीरो बजट खेती का पूरा ककहरा सीखिए, सीधे सुभाष पालेकर से

Similar News