मशहूर शायरों ने शायरी के ज़रिए अपने अनुभवों से इस तरह से ज़िंदगी के मायनों को बयां किया है कि आपको लगेगा कि शायद ये आपकी ही ज़िंदगी की कहानी है। पढ़िए ये चुनिंदा शेर...
1. इक मुअम्मा है समझने का न समझाने का
ज़िंदगी काहे को है ख़्वाब है दीवाने का
फनी बदायूंनी
2. मुख़्तसर ये है हमारी दास्तान-ए-ज़िंदगी
इक सुकून-ए-दिल की ख़ातिर उम्र भर तड़पा किए
मुईन अहसन जज़्बी
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3. तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिली से हम
साहिर लुधियानवी
4. ज़िंदगी इक आँसुओं का जाम था
पी गए कुछ और कुछ छलका गए
शाहिद कबीर
5. ज़िंदगी शायद इसी का नाम है
दूरियाँ मज़बूरियाँ तन्हाइयाँ
कैफ़ भोपाली
6. ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है
बशीर बद्र
7. ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम
मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं
इमाम बख़्श नासिख़
8. अहल-ए-दिल के वास्ते पैग़ाम हो कर रह गई
ज़िंदगी मजबूरियों का नाम हो कर रह गई
गणेश बिहारी तर्ज़
9. एक सीता की रिफ़ाक़त है तो सब कुछ पास है
ज़िंदगी कहते हैं जिस को राम का बन-बास है
हफ़ीज़ बनारसी
10. कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है
गुलज़ार