सफाई के शपथ के साथ शुरू की स्वच्छता की मुहिम

बच्चों को गंदगी से बीमार होते देखा तो बदली सोच और जुड़े स्वच्छ भारत अभियान से

Update: 2018-10-09 10:17 GMT

लखनऊ। इस युवा ने जब गंदगी से स्कूल के बच्चों को बीमार होते हुए खुद देखा तो वे न सिर्फ स्वच्छता मिशन से जुड़े, बल्कि लोगों को सफाई की शपथ दिलाने के साथ स्वच्छता मुहिम की शुरुआत भी की।

देश में सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान के तहत बहुत से लोग अपनी भूमिका निभा रहे हैं, उनमें से ही एक हैं शचीन्द्र दीक्षित, जो स्वास्थ्य अनुदेशक के रूप में सफाई अभियान को अपने जीवन का हिस्सा मानकर पूरे मन से इस कार्य में जुड़े हुए हैं। शचींद्र सफाई के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए किसी भी गाँव या स्कूल में जब भी जाते हैं तो वहां के लोगों से स्वच्छता की शपथ जरूर लेने को कहते हैं।


खीरी जिले स्थित ब्लॉक मोहम्मदी के गाँव पलिया के निवासी शचीन्द्र दीक्षित उच्च माध्यमिक विद्यालय बैदा ब्लॉक मोहम्मदी मेंकार्यरत हैं और पिछले तीन वर्ष से स्वच्छता मिशन से जुड़े हुए हैं। शचीन्द्र शैक्षिण संस्थानों के साथ-साथ अस्पताल, राजकीय सभागार, तहसील सभागार सभी जगहों पर स्वच्छता को लेकर कार्यक्रम कर चुके हैं।

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स्वच्छता मिशन से जुड़ने के सवाल पर शचीन्द्र फोन पर बताते हैं, "रोज की तरह एक दिन जब मैं अपने स्कूल पहुंचा तो उस दिनमुझे अपनी कक्षा में बच्चे कम दिखाई दिए। कक्षा के दूसरे बच्चों ने बताया कि वो लोग बीमार हैं, इसलिए स्कूल नहीं आए हैं। कईदिन बाद भी जब बच्चे स्कूल नही आए तब मैं उनके घर जाकर उनका हाल-चाल जानना चाहा।"

शचींद्र ने बताया, "वहां पहुंचकर मैंने देखा कि नालियां बजबजा रही थीं, उनके घर के बाहर सड़कों पर जानवर बंधे हुए थे, जिनका गोबरऔर मूत्र चारों तरफ फैला हुआ था। रसोईघर के पास ही बकरी खड़ी थी। गंदगी का ऐसा माहौल देखकर मैं बहुत विचलित हो गया। जब मैंने पूछा कि बच्चे कहां हैं, तब उन्होंने कहा कि बच्चे अभी शाहजहांपुर सरकारी अस्पताल से डिस्चार्ज होकर आए हैं।"

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उन्होंने बताया, "इस बात के चार साल हो गए हैं, मगर उस गंदगी के माहौल में बच्चों का रहना मुझे अंदर तक झकझोर गया, तब मैंने लोगों के बीच गंदगी के खिलाफ जागरुकता फैलाने की बात सोची। तब से ही मैं इस अभियान से स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशक के तौर पर जुड़ा हुआ हूं।"

अपने प्रयासों के बारे में शचीन्द्र बताते हैं, "स्कूलों में हमने स्वच्छता से सम्बन्धित कोट लगवाएं और इससे सम्बन्धित पेन्टिंग भीबनवायी, और बच्चों के साथ मिलकर गाँव-गाँव रैलियां भी निकालीं, जिससे कि बच्चों के साथ-साथ गाँव वालों को भी स्वच्छता कामहत्व समझ में आयें। सिर्फ इतना ही नहीं, लोक कल्याण मेला, मतदाता सम्मेलन जैसे कार्यक्रमों में भी स्वच्छता से सम्बन्धितजानकारियां बांटते हैं।"

अब तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की हाल में आई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि स्वच्छ भारत मिशन के कारण पांच साल से कमउम्र वाले बच्चों के मृत्युदर में कमी आई है।

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शचीन्द्र बताते हैं, "मैं जब भी स्वच्छता सें जुड़े किसी कार्यक्रम के दौरान किसी विद्यालय या किसी कार्यालय में जाता हूं तो वहांउपस्थित लोगों से स्वच्छता की शपथ जरूर लेने को कहता हूं। मैं ऐसा इसलिये करता हूं जिससे कि वह अपने घर से लेकर अपने कामकरने वाले जगहों पर भी सफाई रखें।"

स्वच्छता अभियान से जुड़े मित्र भी

स्वच्छता अभियान में शचींद्र की ललक को देखकर अब उनके साथ उनके मित्र डॉ. आशुतोष शुक्ला भी जुड़ चुके हैं। आशुतोष प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र मोहम्मदी में चिकित्सक हैं। डॉ. आशुतोष बताते हैं, "शचीन्द्र स्वच्छता अभियान में बहुत एक्टिव है। गाँव या जिले, जहां कहीं भी स्वच्छता से सम्बधित कार्यक्रम होते हैं, नौकरी से समय निकाल कर उन कार्यक्रमों मेंशचीन्द्र जरूर उपस्थित रहता है। स्कूलों और कार्यालयों में भी उसने कार्यक्रम करवाएं हैं। अगर कभी उसको मेरी जरूरत होती है तो मैं भी लोगों को जागरूक करने के लिए उसके काम में सहयोग करता हूं।"

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