पांच लाख छुट्टा जानवरों के लिए 613 करोड़ का बजट

Update: 2019-02-08 08:38 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के किसानों को आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए योगी सरकार ने तीसरे बजट में 612.6 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है, वहीं पूरे प्रदेश में अभी पांच लाख से ज्यादा पशुओं छुट्टा घूम रहे है।

पशुपालन विभाग द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक 31 जनवरी वर्ष 2019 तक पूरे प्रदेश में निराश्रित पशुओं की संख्या सात लाख 33 हज़ार 606 है। अभी तक 2 लाख 77 हज़ार 901 निराश्रित पशुओं को संरक्षित किया गया है। यानि अभी 5 लाख गोवंश छुट्टा घूम रहे हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट पेश करते हुए कहा, गोवंश संवर्द्धन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में गौवंश के रख-रखाव और गौशाला निर्माण कार्य के लिए 247.60 करोड़ रुपए, शहरी क्षेत्रों में कान्‍हा गोशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 200 करोड़ रुपए की व्‍यवस्‍था की गई है। इसके साथ ही प्रदेश में शराब की बिक्री पर विशेष फीस लगाई गई है। इससे प्राप्त होने वाले अनुमानित राजस्व 165 करोड़ रुपए का उपयोग प्रदेश के निराश्रित एवं बेसहारा गौवंश के भरण-पोषण के लिए किया जाएगा।

आवारा जानवरों से परेशान किसानों ने मथुरा, अलीगढ़ और आगरा में पशुओं को स्कूलों में बंद भी कर दिया था। किसानों के हंगामे और भारी विरोध के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर पर 10 जनवरी तक गौशाला बनवाने के आदेश दिए थे, जिसके बाद जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा आवारा जानवरों को सरंक्षित करने का काम शुरू किया गया था लेकिन अभी भी किसान आवारा पशुओं से अपनी फसलों को बचाने में लगे है।

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''हमें तो लगा था कि 10 जनवरी के बाद खेतों की रखवाली करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी सभी जानवर गौशाला पहुंच जाएंगे पर ऐसा नहीं हुआ अखबारों में जरूर हमने देखा कि शहर में जानवरों को पकड़ा जा रहा है लेकिन हमारे गांव में एक भी जानवर नहीं पकड़ा गया है।'' बाराबंकी जिले से 30. किमी दूर गन्धीपुर गाँव के राहुल यादव ने बताया।

कड़ाके की ठंड में किसान किस तरह अपनी फसल को बचाता है इसको लोगों तक पहुंचाने के लिए गाँव कनेक्शन की टीम ने सीतापुर और बाराबंकी के किसानों के साथ एक जनवरी को पूरी रात बिताई और उनके दर्द को जाना। बाराबंकी के गंधीपुर गाँव में अभी भी आवारा पशु फसलों को बर्बाद कर रहे है। गंधीपुर गाँव में रहने वाले राजेंद्र सिंह बताते हैं, ''हमारे गांव के पास जो फार्म है वहां पर दिन में करीब 200 आवारा पशु इकट्ठा होते हैं और देर रात यह सारे पशु झुंड बनाकर खेतों पर हमला बोल देते हैं और मिनटों में खेत को चौपट कर डालते हैं। पूरी सर्दी फसलों को बचाने में निकल जाएगी।''

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बजट से पहले भी इस समस्या से किसानों को निजात दिलाने के लिए प्रदेश के पशुपालन विभाग द्वारा 68 जिलों में 149.60 करोड़ रुपए आवारा गोवंश के आश्रय की स्थापना, संचालन और उनके भरण पोषण के लिए दिया गया। इसके अलावा बुदेंलखंड के सात जिलों में 20.50 करोड़ रुपए दिए गए है।

योगी सरकार के तीसरे बजट में गो-कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। मेरठ जिले के सुभाष चंद्रा के मुताबिक यह बजट सरकारी कर्मचारियों के यह एक नया कमाई का जरिया है। सुभाष बताते हैं, ''सरकार चाहे जितना भी बजट दे दे लेकिनजब तक अधिकारी इस बजट को खर्च करने का सलीखा नहीं सिखेंगे तब तक यह दिक्कत नहीं खत्म होगी।''

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बजट के बारे में राय देते हुए मेरठ जिले के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार वर्मा बताते हैं, "सात लाख गोवंश को तो नहीं लेकिन इस बजट से कुछ गायों को तो फायदा होगा। सरकार का यह कदम अच्छा है। यह जो योजनाएं है वो धीरे-धीरे धरातल में उतरती है बशर्ते इनको ईमानदारी से लागू किया जाए।''

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मथुरा में स्थापित होगी नई डेयरी

मथुरा में नई डेयरी की स्थापना के लिए 56 करोड़ रुपए के बजट का प्रवाधान किया गया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति 2018 के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था है। साथ ही दुग्ध संघों और समितियों का सुदृढ़ीकरण, पुनर्गठन एवं विस्तारीकरण, कृषक परिक्षण, तकनीकी निवेश, पशु प्रजनन, स्वास्थ्य कार्यक्रम योजनाओं के लिए 93 करोड़ की व्यवस्था की गई है। कांजी हाउस की स्थापना एवं पुनर्निर्माण कराए जाने के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।

डेयरी योजना के तहत 10 हजार इकाईयां होंगी स्थापित

प्रदेश में डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने बजट पेश किया है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय लघु डेयरी योजना के तहत 10 हजार इकाईयां स्थापित की जाएंगी। जिसके संचालन के लिए 64 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।  

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