यूपी की इस महिला ग्राम प्रधान को किया जाएगा पं. दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित  

Update: 2018-04-18 18:49 GMT
स्मृति सिंह

पंचायत स्तर पर बेहतरीन काम करने वाली पंचायतों को पंचायती राज दिवस के दिन सम्मानित किया जाएगा। यूपी के बलिया जिले की रतसर ग्राम पंचायत का भी पं. दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार के लिए चयन हुआ है।

इस पुरस्कार के लिए पूरे देश से 180 और प्रदेश से 30 ग्राम पंचायतों को चुना गया है। विकास के विभिन्न मापदंडों पर सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली पंचायतों को केंद्र सरकार सम्मानित कर रही है। वर्ष 2016-17 के कार्यों के आधार पर पंचायतों से आवेदन मांगें गए थे।

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रतसर ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान स्मृति सिंह बताती हैं, "पूरे यूपी में 31 ग्राम पंचायतें दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार के लिए चयनित हुईं हैं, जिसमें बलिया जिले से केवल एक ग्राम पंचायत रतसर कला का चयन हुआ है। पंचायती राज दिवस के दिन 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री सम्मानित करेंगे।

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ये पुरस्कार ग्राम सभा को खुद के आय सृजित करने के लिए मिला है, जोकि प्राप्त अनुदान का समय से उपयोग, आडिट और सर्वे की फीडिंग करने के लिए ये पुरस्कार मिलेगा।

बलिया जिले से 27 किलोमीटर दूर गढ़वाल ब्लॉक से पश्चिम दिशा में रतसर कला गाँव की रहने वाली स्मृति सिंह रानी लक्ष्मीबाई अवॉर्ड और सबसे पढ़ी महिला प्रधान का पुरस्कार जीतने के साथ कई और पुरस्कार भी जीत चुकी हैं। वो बताती हैं, “बलिया एक पुरुष बाहुल्य क्षेत्र है। यहां शुरू से ही पुरुषों का राज रहा है। मेरे पहले भी दो महिलाएं ग्राम प्रधान रही हैं। लेकिन उनके आड़ में उनके पतियों ने काम किया है, आज मै खुश हूं कि पंचायत से जुड़े हर निर्णय मैं खुद लेती हूं, जब खुली बैठकें करती हूं, महिलाएं घरेलू हिंसा से लेकर आपसी विवाद भी सुलझाने के लिए मेरे पास आती हैं।”

इस पंचायत को मिलेंगे दो पुरस्कार

सिद्धार्थनगर जिले के हसुड़ी औसानपुर को भी पंचायती राज दिवस पर नाना जी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम पुरस्कार और दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। दिलीप त्रिपाठी देश के पहले ग्राम प्रधान होंगे जिन्हें दोनों पुरस्कार एक साथ मिल रहे हैं।

नाना जी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम पुरस्कार और दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार अभी तक किसी भी ग्राम पंचायत को एक साथ नहीं मिले हैं। देश के दस पिछड़े जिलों में शामिल सिद्धार्थनगर की ग्राम पंचायत हसुड़ी औसानपुर ये दोनों पुरस्कार एक साथ लेकर एक इतिहास लिखेगी रचेगी।

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