बनारस। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) की छात्राओं ने हॉस्टल खाली कर दिया है। गुरुवार से चल रहे प्रदर्शन पर वीसी प्रो. जीसी त्रिपाठी ने हॉस्टल खाली करने का तुगलकी फरमान जारी किया था।
बीएचयू आंदोलन से जुड़ी कई जानकारियां सामने आ रही हैं। छात्राओं का कहना है कि कुछ अराजक तत्व शामिल होकर हमारे आंदोलन को मुख्य मुद्दे से अलग कर रहे हैं। छात्राओं ने यह भी बताया कि ये देखकर वे दंग रह गईं कि जिन लड़कों ने छेड़खानी की थी वही लोग आंदोलन में आकर महिला सशक्तीकरण की बात कर रहे थे।
शनिवार देर रात बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में पुलिस और छात्रों के बीच काफी जमकर बवाल हुआ। इस बीच प्रदर्शन में शामिल छात्राओं ने बताया कि शनिवार रात न सिर्फ लड़कों को बल्कि पुलिस ने गर्ल्स हॉस्टल और दूसरे कॉलेजों से आई छात्राओं को भी मारा-पीटा। छात्राओं का कहना है कि लड़कियों को मारने वाले पुरुष पुलिसकर्मी ही हैं। महिला पुलिसकर्मी रात में थी ही नहीं। इस बीच घायल छात्राओं को ट्रामा में भर्ती कराया गया।
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प्रशासन की तरफ से प्रदर्शन वापस लेने की मिल रही धमकी
बीएचयू की पूर्व छात्रा और प्रोटेस्ट में शामिल नेहा यादव ने बताया, 'छात्राओं को डराने की साजिश की जा रही है। कल पुरुष पुलिसकर्मियों ने ही हमारी साथियों के साथ मारपीट की। वहीं प्रशासन की तरफ से हमें धमकी दी जा रही है कि प्रदर्शन वापस ले लीजिए नहीं तो नाम कटवा दिया जाएगा।' नेहा बीएचयू से एमएससी की डिग्री हासिल कर चुकी हैं और आगे पीएचडी की पढ़ाई के लिए यहां अप्लाई किया है। हालांकि नेहा का कहना कि उनके आंदोलन से जुड़े होने के चलते यूनिवर्सिटी वाले इस पर मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।
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जिन्होंने छेड़खानी की वही आंदोलन में हो रहे शामिल
नेहा का कहना है कि हमारा प्रमुख मुद्दा छेड़खानी का है लेकिन कुछ दूसरे छात्र-छात्रा इसमें शामिल होकर पूरे आंदोलन को मुद्दे से दूर कर रहे हैं। किसी ने वीसी को हटाने की बात रख दी, किसी ने टाइम की पाबंदी वाली बात तो किसी ने कुछ और। इस तरह मुद्दे को भटकाया जा रहा है। हमें यह देखकर ताज्जुब हुआ कि जिन लड़कों ने गुरुवार को छात्रा के साथ छेड़खानी की वहीं आंदोलन में शामिल होकर नारी सशक्तीकरण की बात कर रहे हैं। हमने तय किया है कि अपने मुद्दे को बाकी यूनिवर्सिटी की छात्राओं के साथ मिलकर नेशनल लेवल पर ले जाएंगे।
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वीसी की जिद के चलते बढ़ा बवाल
बीचएयू में छेड़खानी से जुड़ी खबरें पहले भी आती रही हैं। इस बार गुरुवार को जब घटना हुई तो छात्राओं ने वीसी से इस मामले में संज्ञान लेने को कहा लेकिन कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी की तरफ से कोई कार्रवाई न होने के चलते छात्राओं ने प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्राओं का कहना है कि हमारी बस इतनी मांग थी कि कुलपति धरना स्थल पर आकर लगातार होती छेड़खानियों पर बात करें और हमें इससे सुरक्षा मुहैया कराएं लेकिन वीसी हमसे बात करने को तैयार नहीं है।
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