औरैया। खेती के साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा में वैज्ञानिकों ने विचार विमर्श कर खाली पड़ी जमीन को उपयोग में लाने तथा पशु पालन, मधुमक्खी पालन पर जोर दिया। खेती के साथ ये काम किसान आराम से कर सकते हैं। इससे दो फायदे होंगे एक तो खेती साथ में होती रहेगी और व्यवसाय भी।
जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा पर कृषि वैज्ञानिकों के बीच आय बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के मत रखे गये। जिसमें कृषि अनुसंधान परिषद कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान कानपुर के निदेशक डॉ. यूएस गौतम ने कहा कि किसान खेती करने के साथ जो जमीन खाली पड़ी रहती है, उसमें सब्जी उगाना शुरू कर दे। जिसका बीज विज्ञान केंद्र परवाहा से दिया जाएगा। किसान अपने खेत में फसल तो करते ही हैं लेकिन जो जगह खाली पड़ी रहती है खेत के कोने और मेड़ की जगह वहां सब्जी उगाकर अपने घर के आर्थिक बजट में सहयोग कर सकते है।
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चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के सह निदेशक प्रसार डॉ. आरबी सिंह ने कहा कि किसानों को खेती में अगर किसी प्रकार की हानि हो रही हो तो वह कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से मिलकर उसे दूर कर सकते है। पशुगणना के मुताबिक देखने में आ रहा है किसानों ने पशु पालन कम कर दिया है जो कि उनके लिए नुकसान दायक है।
किसानी के साथ-साथ पशु पालन किसान अवश्य करें। पशु पालन व्यवसाय के रूप में कर उससे अच्छी कमाई कर सकते है।डॉ. आरबी सिंह
भारतीय दलहन अनुंसधान संस्थान कानपुर के प्रधान वैज्ञानिक (कृषि विस्तार) डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि किसान खेती के अलावा मधुमक्खी पालन का भी काम कर सकते है। घर के आस-पास खाली पडी जमीन पर 10 से लेकर 50 मुर्गी का पालन भी कर सकते हैं, जिसमें अधिक खर्चा भी नहीं होता है और मुनाफा भी अच्छा हो जाता है। मुर्गी पाल के लिए जिले के किसानों को पशु पालन विभाग द्वारा सहयोग दिलाया जाएगा। इसी के साथ अगर किसान मुधमक्खी का पालन करते हैं तो विभाग द्वारा उसमें सहयोग किया जाएगा और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। किसान अपनी आय बढाने के लिए खेती के साथ बताए उपायों को अपनाए तो उन्हें अधिक लाभ होगा।
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