लखनऊ। सहारनपुर में दोबारा से भड़की हिंसा को काबू में करने के लिए लखनऊ से भेजे गए बड़े अधिकारियों ने गुरुवार को जिले में दोनों समुदाय के बीच एक पीस कमेटी गठित कर माहौल सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। एडीजी एलओ आदित्य मिश्रा के मुताबिक, बुधवार से शब्बीरपुर गांव के सभी जाति के लोगों से बातचीत की गई। साथ ही हिंसा पीड़ित परिवार से भी मुलाकात हुई, जिन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया गया है।
इस मुलाकात में गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा सहित कई आलाधिकारी भी शब्बीरपुर गांव में मौजूद रहें। वहीं एसएसपी सहारनपुर बबूल कुमार की मानें तो, शहर के हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और जल्द ही पूरी स्थिति को पहले की तरह पटरी दोबारा ले आया जायेगा, जिससे पहले की तरह शहर में सभी जाति के लोग आपसी भाईचारे से रहे। एसएसपी ने आगे बताया कि, कुछ अराजकतत्वों ने शहर का माहौल खराब करने का प्रयास किया था, जिन्हें चिन्हित कर लिया गया है।
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वहीं गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा ने बताया कि, शहर के हालात पूरी तरह से काबू में होने पर ही इंटरनेट सेवा को दोबारा से बहाल किया जायेगा, हालांकि शहर में हालात काबू में है, लेकिन तनाव अब भी बरकरार है, जिसे देखते हुए राजधानी से सहारनपुर गए अधिकारी शुक्रवार शाम तक वहां रुकने का कार्यक्रम है।
गौरतलब है कि सहारनपुर के जातीय हिंसा में हालात को काबू में करने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंगलवार देर रात लखनऊ से गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा, एडीजी (एलओ) आदित्य मिश्रा, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश को स्टेट प्लेन से सहारनपुर के लिए भेजा गया था।
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एडीजी एलओ आदित्य मिश्रा के मुताबिक बुधवार से राजपूतों और दलितों के समुदाय के लोगों के साथ एक बैठक कर पीस कमेटी का गठन किया गया है। इस पीस कमेटी के साथ बैठक कर दोनों समुदाय के लोगों की समस्या सुनी गई। साथ ही शब्बीरपुर गांव में जाकर लोगों से आपसी साैहार्द कायम रखने के लिए मुलाकात की गई और उन्हें हिंसा में हुए नुकसान का आंकलन कर उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया है।
वहीं अधिकारियों ने दोबारा से ग्रामीणों को एक साथ बैठाकर अफवाहों पर ध्यान न देने का अनुरोध किया गया है। उधर सहारनपुर का लोकल प्रशासन भी उपद्रवियों को चिन्हित कर गिरफ्तार करने का प्रयास कर रहा है और अब तक पचास से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं आईजी एसटीएफ अमिताभ यश को इस हिंसा के पीछे साजिश को पकड़ मुख्य सरगनाओं को धर-दबोचने का काम दिया गया है। आईजी हिंसा की आग भड़काने वाले और इन्हें फंडिंग करने वालों की जांच लोकल प्रशासन के साथ मिलकर कर रहे हैं।