इतनी आत्महत्या किसानों ने कभी नहीं की जितनी BJP सरकार में की : अखिलेश यादव
''गन्ना किसान का भुगतान नहीं हुआ, धान की कीमत किसान को नहीं मिली, कर्ज़ माफी जिस तरीके से होनी चाहिए थी वैसी नहीं हुई। इतनी आत्महत्या किसानों ने कभी नहीं की जितनी BJP सरकार में की,'' वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा।
शनिवार को लखनऊ की सड़कों पर किसानों द्वारा फेके गये आलू के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार को चिंता ये है कि आलू कैसे आ गया, आलू खरीदा होता तो शायद आलू नहीं आता। 6 जनवरी को उत्तर प्रदेश में फसल की सही कीमत नहीं मिलने से गुस्साए किसानों ने विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास के सामने सड़कों पर कई क्विंटल आलू फेंक दिया था। इस मामले में 4 पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि कम से कम सरकार को अपना खुद का वचन याद रखना चाहिए, जिस समय सरकार बनी थी उस समय कहा था आलू की अच्छी कीमत देने के लिए व्यवस्था कर ली बजट में पैसे का इंतेजाम कर लिया, लेकिन आलू सड़ गया कोई कीमत नहीं मिली। नई फसल तैयार हो गई है उसको क्या कीमत मिलेगी? उन्होंने आगे कहा, ''जो पुराना आलू था उसकी कीमत तो नहीं दे पाई जो नया आलू आ रहा है उसका तो इंतेजाम करे सरकार। उसके लिए क्या इंतेजाम है?''
उन्होंने नोटबंदी पर तंज कसते हुए कहा, ''नोटबंदी से भ्रस्टाचार कम हुआ हो या समाप्त हो गया हो, मै तो कहूंगा नया वर्ष है एक बार नोटबंदी और हो जाए तो पूरी तरह से भ्रस्टाचार खत्म हो जाए।'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सर्दी इतनी ज्यादा हो रही है लेकिन अभी तक स्वैटर नहीं बांटे गए हैं। बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी है इतने सारे कार्यकर्ता हैं अगर सभी कार्यकर्ताओं ने एक-एक स्वैटर भी बुना होता तो हर बच्चे को अबतक स्वैटर मिल जाता।
उन्होंने कहा कि हम समाजवादी पेंशन देते थे जिससे महिलाएं अपने बच्चों की जरूरते पूरी करती थीं लेकिन इस सरकार ने उसे भी बंद कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि जो सरकार बच्चों को स्वैटर न दे पाई हो उससे क्या उम्मीद करेंगे?
हमारे कार्यों को अपना बता रही योगी सरकार
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सरकार तो हमारे कार्यों को अपना बता रही है। कम से कम इतनी शर्म तो होनी चाहिए थोड़ा दिल बड़ा होना चाहिए कि पिछली सरकार ने ये काम किया था हम उसको पूरा करने जा रहे हैं या हम इसको आगे बढ़ा रहे हैं।