इस मां और बच्चे के गुनहगार हैं हम, 12 साल की बलात्कार पीड़िता ने दिया बच्चे को जन्म

Update: 2017-12-31 15:18 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर

वो खुद अभी बच्ची है, लेकिन एक हैवान ने उसका बचपन बर्बाद कर दिया। 12 साल की उम्र में उसने एक बच्चे को जन्म दिया है... पढ़िए कानून और समाज पर उठाती ये ख़बर.. 

लखनऊ। लखनऊ के लोहिया अस्पताल में बलात्कार की शिकार एक बच्ची ने बेटे को जन्म दिया है। महज 12 साल की इस बच्ची के साथ उसके पड़ोसी ने बलात्कार किया था।

लखनऊ के इंदिरानगर थाने की रहने वाली ये बच्ची पिछले कई महीनों से इस दर्द को अकेले सहती रही। बलात्कार के बाद कई महीनों तक वो डर के मारे किसी को कुछ बता नहीं पाई। जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी, तब मां को उसके गर्भवती होने का पता चला। लेकिन बदनामी के डर से पहले तो बच्ची की मां पुलिस के पास गई ही नहीं, लेकिन जब हिम्मत जुटाकर एफआईआर दर्ज कराने पहुंची, तो पुलिस ने एफआईआर में बच्ची के नाबालिग होने का ज़िक्र ही नहीं किया।

बेटी टंकी पर पानी भरने गई थी, एक लड़के शौचालय में ले जाकर रेप किया। 4 महीने बाद उसने मुझे बताया। कल बच्चे का जन्म हुआ है। इस कलंक के साथ मेरी बेटी कैसे जिएगी।
पीड़ित लड़की की मां (गांव कनेक्शन से)

नाम न छापने की शर्त पर उस नाबालिग की माँ ने बताया, "बेटी टंकी से पानी भरने गयी थी, एक लड़के ने शौचालय में ले जाकर उसका रेप किया और बेटी को धमकी दी अगर किसी को बता दिया तो जान से मार डालेंगे। इस डर से उसने यह बात मुझे चार महीने तक नहीं बताई।”

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बलात्कार का आरोपी फिलहाल जेल में है लेकिन इंसाफ़ इस बच्ची से कोसों दूर है।

बच्ची की मां को अपनी बेटी की चिंता ज़रूर है, लेकिन उससे ज़्यादा चिंता समाज की है। सिर्फ 12 साल की उम्र में इस बच्ची ने अपनी ज़िंदगी का सबसे बुरे दिन देख लिए हैं। बच्ची की मां कहती हैं कि "हम जिधर से जाते हैं तो लोग घूरते हैं," वो आगे कहती हैं "मेरे पति बहुत साल पहले नहीं रहे, तीन लड़के और ये एक बिटिया है। सबसे बड़ा बेटा 15 साल का है, उसकी मजदूरी और मेरी मजदूरी से घर का खर्चा चलता है। जबसे ये हुआ है काम करने में मन ही नहीं लगता।

समाज के डर से मां उसे डिलिवरी के लिए अस्पताल तक लाना नहीं चाहती थीं। बच्ची को जब लेबर पेन शुरू हुआ, तो एक पड़ोसी ने महिला हेल्पलाइन-181 पर फोन करके इस मामले की जानकारी दी। आशा ज्योति केंद्र की टीम ने पीड़िता को एम्बुलेंस से लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया।

डिलीवरी के बाद 12 साल की इस नाबालिग बच्ची और उसके नवजात शिशु की हालात ठीक है। बच्ची अब भी अस्पताल में भर्ती है, कुछ दिनों में उसे उसके घर भेज दिया जाएगा और शिशु को महिला एंव बाल कल्याण विभाग के शिशु गृह, लेकिन इन दो मासूम ज़िंदगियों को क्या ये समाज एक सामान्य ज़िंदगी जीने का मौका दे पाएगा?

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